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Rajrishi

बाल संस्कार शिविर – दूसरा दिन

लक्ष्य इतना महान हो कि व्यर्थ के लिए समय ही न बचे – ब्रह्माकुमारी शशिप्रभा बहन 

टिकरापारा ब्रह्माकुमारी सेवाकेन्द्र प्रभुदर्शन भवन के हार्मनी हॉल में बालसंस्कार शिविर के दूसरे दिन बच्चो की संख्या और बढ़ी

‘‘प्रजापिता ब्रह्माकुमारी टिकरापारा सेवाकेन्द्र की बहन ब्र.कु शशिप्रभा दीदी ने डायमंड ग्रुप के 10 से 16 वर्ष के सभी विद्यार्थियों को अपने लक्ष्य के प्रति मजबूती लाने के लिए दृष्टांत देते हुए बताया कि ‘’राह में तू न बिखरना, लक्ष्य से तू न विचलना. देखती है तुझको मंजिल,

 तू बस उसी की ओर चलना ” आपने बताया की अपने लक्ष्य को इतना महान बना दो की व्यर्थ के लिए समय ही ना रहे और ऐसा तभी संभव है जब हमारे भीतर शक्ति हो हर किसी के सपने होते है अब सपने चाहे छोटे हो या बड़े इनका आपके जीवन में बड़ा महत्व होता है इन लक्ष्यों की प्राप्ति का संबंध हमारी ख़ुशी और भलाई से होता है यह आत्म –सम्मान में वृद्धि करने का एक  तरीका है अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की कोशिश हमें बेहतर इन्सान बनाती है इसलिए इंतजार मत कीजिये फिर चाहे आपका लक्ष्य करोड़ो में पैसा कमाना हो, एक कलाकार बनना हो, या एक विश्व स्तरीय खिलाड़ी बनना हो आज से ही अपने लक्ष्य प्राप्ति में जुट जाइए

डायमंड ग्रुप में कक्षा 6वी से 10वी    :-

जैसे सितारे आकाश में झिलमिलाते है ठीक उसी प्रकार इस शरीर में मस्तक के मध्य आत्मा प्रकाशमान है, जो रूप में बिंदु है आत्मा सात दिव्य गुणों की खुशबू से सुशोभित होती है. जैसे :- सुख, शांति , आनंद, प्रेम, पवित्रता, ज्ञान और शक्ति, दुनिया में कोई ऐसी दुकान नही मिलेगी जहां शांती को खरीदा जा सके, क्योकि शांति आत्मा का मूल स्वधर्म  है और जो स्वयं के अंतर्मन में है वो बाहर कैसे प्राप्त हो सकता है जब हम स्वयं को आत्म स्वरुप में अनूभव करते है तो सभी प्रश्नों के उतर हमें स्वतः ही प्राप्त होने लगते है जीवन की सच्चाई एवं गहराई को इस दृष्टांत से समझे कि “ माटी  कहे कुम्हार से, तू क्या रौंधे माही. एक दिन ऐसा आएगा, मै रौन्धूगी तोय” माटी कुम्हार से कहती है कि तुम मुझे क्यों रौन्ध रहे हो एक दिन तो तुम्हे नीचे और मुझे ऊपर आना ही है अर्थात मिट्टी से निर्मित इस शरीर को एक दिन उसी में समा जाना है देह भले ही नस्वर है परन्तु आत्मा शास्वत है और ये शक्ति हमें रोजाना सकारात्मक चिंतन, मैडिटेशन, योग, आसन, प्राणायाम करने से परमात्म स्मृति में रहने से जीवन में प्राप्त होती जायेगी, इसके पूर्व सत्र की शुरूवात मैडिटेशन मन्त्र उच्चारण एवं ॐ धवनि से हुई प्राणायाम में भस्त्रिका, कपालभाती, आनुलोम-विलोम, के साथ अन्याय प्राणायाम, एवं सभी को मैडिटेशन कोमेंट्री के माध्यम से योग भी कराया गया,

एंजिल ग्रुप कक्षा “पहली से पाचवी”:-साथ ही गौरी एवं संगीता बहन समेत अन्य बहनों ने शिविर में सम्मिलित छोटे बच्चो के ग्रुप को संबोधित करते हुए सभी को, प्राणायाम में कपालभाती, आनुलोम विलोम, कपलभाती,आसन, गायत्रीमन्त्र, एनी अभ्यास भी करवाए, इसके पूर्व सत्र की शुरूवात एक्शन व्याआम से होती है, बच्चे गीतो पर एक्सासाइज़ कर बहुत आनंदित हुए,  बच्चो को  रानी की कहानी बताई गयी, हनुमान चालीसा शिविर के अंत में बच्चो ने प्राप्त शिक्षा को सभी को सुनाया, एवं सभी को प्रसाद  वितरित किया गया,

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