Connect with us
 

Rajrishi

Closing Ceremony_Baal Sanskar Shivir at NE Institute Bilaspur

जिनके होठों में कभी बद्दुआ नहीं होती, वो केवल मां है जो कभी खफा नहीं होती – संजय अग्रवाल
भारत के अंदर हर दिवस मां के बिना संभव नहीं
मातृ दिवस पर छ.ग. योग आयोग के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री ने व्यक्त की अपनी भावनाएं
‘‘बच्चों के अंदर राजयोग के माध्यम से शक्तियों का स्मरण ऐसा प्रवाहित हो रहा है जो इतने कम समय के प्रषिक्षण से इतने सुंदर संस्कार उनके अंदर स्थापित किये गये। मां के बिना कोई दिन नहीं होता, पूरी दुनिया के लिए एक दिन मदर्स डे हो सकता है लेकिन भारत के अंदर का हर दिवस बिना मां के संभव ही नहीं है। क्योंकि मां ही ऐसी शख्सियत है जहां अंधेरे में उजाले की कल्पना की जा सकती है। ये अंधेरे देख मुख तेरा काला हो गया, मां ने आंखें खोल दी, घर में उजाला हो गया। वर्तमान में जिनके माता-पिता हैं वे सबसे सौभाग्यशाली हैं। जिस घर में मां को मां समझ लिया हो, सम्मान दिया गया हो उन्हें किसी मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे, चर्च में जाने की जरूरत नहीं है। जीवित भगवान उसके माता-पिता के रूप में रहते हैं। जिनके होठां पे कभी बद्दुआ नहीं होती, वो केवल मां है जो कभी खफा नहीं होती। पूरी दुनिया के लोग कहते हैं कि मेरे माता-पिता मेरे साथ रहते हैं लेकिन हम अपने माता-पिता के साथ रहते हैं ये भारतीय संस्कृति है।’’
स्वयं, भगवान व मानवता में विष्वास करने की विष्वास करने की षिक्षा दें अभिभावक- भवानीष्ांकर नाथ
रेल्वे के सीनियर डिवीज़नल सिक्यूरिटी कमिष्नर ने अभिभावकों को दी प्रेरणा
‘‘बचपन में ही बच्चों में भगवान स्वरूप बनने की आदत और संस्कार डाल दिया जाय तो फिर जो समाज, परिवार, देष, विष्व का निर्माण होगा वो अद्भूत होगा। बच्चे तो स्वयं भगवान के रूप होते हैं। आपने अब्राहम लिंकन के षिक्षक को आग्रह करते हुए लिखे पत्र के बारे में बताते हुए कहा कि भगवान में, खुद में और मानवता में रखने की षिक्षा दें। समाज के प्रति अपनी निष्ठा रख सके। हमेंषा सिर्फ आदर्ष के बारे में षिक्षा देने से शायद वह जीवन में उस सफलता को प्राप्त न कर सके जिसे हम उसे देना चाहते हैं। हमें बच्चों को संस्कार देना होगा और जीवन जगत के अनुभव से रू-ब-रू होने देना चाहिये ताकि वह स्वयं निर्णय ले सके और आत्मनिर्भर बन सके। चीटिंग के साथ पास होने से तो फे़ल हो जाना बेहतर है।
भावपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ बाल संस्कार षिविर का समापन
नॉर्थ ईस्ट रेल्वे इंस्टीट्यूट के सभागार में हुआ भव्य कार्यक्रम
‘‘दस दिवसीय बाल संस्कार षिविर के समापन अवसर पर आज नॉर्थ ईस्ट रेल्वे इंस्टीट्यूट के सभागार में बच्चों ने अपनी प्रतिभा व सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सभी को भाव-विभोर कर दिया। जहां एन्जिल ग्रुप के नन्हें बच्चों ने रॉबर्ट राजा हम बच्चों को…., बदला नहीं लेना किसी से…., अ से आत्मा प से परमात्मा…. जैसे गीतों पर मासूमियत से भरे नृत्य प्रस्तुत किये वहीं डायमण्ड ग्रुप के बच्चों ने चढ़ता सूरज धीरे-धीरे….. पापा मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यूं…. जैसे भावपूर्ण गीतों पर नृत्य प्रस्तुत कर सभी के हृदय के कोरों को नम कर दिया और वहीं कु. अदीति परमार ने नारी सम्मान पर, रौनित, अनुप व पी.हिमांषु ने राह में तू बिखरना जैसे ओजस्वी वक्तव्य से सभी को उत्साहित कर दिया। कु. पार्थ्वी ने आत्मा की गहराई बतायी और षिरीष राज ने लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रेरणा दी।
टिकरापारा में अभिभावकों के लिए कल से फैमिली वैल्यूज़ कोर्स शुरू
इस अवसर पर टिकरापारा सेवाकेन्द्र प्रभारी एवं छ.ग. योग आयोग की सदस्य ब्र.कु. मंजू दीदी जी ने बच्चों को संस्कारित करने व परिवार में दैवीय गुणों की धारणा के लिए सभी अभिभावकों को कल से टिकरापारा सेवाकेन्द्र में शुरू हो रहे इफेक्टिव पैरेन्टिंग एण्ड फैमिली वैल्यूज़ कोर्स में शामिल होने का विनम्र अनुरोध किया।
सभी बच्चों को मैडल, ईष्वरीय सौगात एवं प्रसाद देकर सम्मानित किया गया
कार्यक्रम के अंत में आए हुए अतिथियों – सीनियर डीएससी भ्राता भवानीषंकर नाथ, सीनियर डीईईजी भ्राता पीएन खत्री, पं.सुंदरलालषर्मा के रजिस्ट्रार भ्राता राजकुमार सचदेव एवं आर के बुधौलिया जी के द्वारा सभी बच्चों को संस्था की ओर से मैडल, ईष्वरीय सौगात एवं प्रसाद देकर सम्मानित किया गया।
Continue Reading
Advertisement