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Rajrishi

अपोलो हॉस्पिटल में अदभुत मातृत्व पर हुई गोष्ठी, गर्भकाल को किया रेखांकित

सादर प्रकाषनार्थः
मां है संस्कारदात्री और घर है संस्कारों की पाठषाला – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी
अपोलो हॉस्पिटल में अदभुत मातृत्व पर हुई गोष्ठी, गर्भकाल को किया रेखांकित
महिलाओं ने जाना कैसे प्राप्त की जा सकती है स्वस्थ और संस्कारवान संतान

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बिलासपुर टिकरापारा, 16 जून। अपोलो हॉस्पिटल में मातृत्व के सफर का अदभुत अहसास कराया गया। यहां आने वाले मरीजों, तीमारदारों और आमंत्रित आम शहरवासियों को बताया गया कि कैसे एक गर्भकाल में ही संतान के अंदर अच्छे स्वास्थ्य और संस्कारों का सृजन किया जा सकता है, ताकि एक अच्छी भावी पीढी का निर्माण किया जा सके।
इस अवसर पर अद्भूत मातृत्व विषय पर प्रकाष डालते हुए ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा सेवाकेन्द्र प्रभारी एवं छ.ग. योग आयोग की सदस्य ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने बताया कि संस्कारवान, बुद्धिमान व तेजस्वी संतान प्राप्त करने के लिए गर्भकाल से लेकर 3 वर्ष की उम्र तक का समय सबसे उत्तम समय है। संस्कार देने में सबसे अहम भूमिका मां की होती है और हमारा घर संस्कारों की पाठषाला की तरह है इसलिए घर का वातावरण शांति, सौहार्द्रपूर्ण, सद्भावना से भरा हो, रिष्तों में मिठास हो, चाहे वो पति-पत्नि, सास-बहू, बच्चों और माता-पिता के बीच का ही संबंध हो। अंत में दीदी ने सभी को तेरी उंगली पकड़ के चला गीत पर सूक्ष्म आसनों का अभ्यास कराया, जो गर्भवती माताओं को नियमित करने से उन्हें काफी लाभ मिलेगा एवं गाइडेड मेडिटेषन कॉमेन्ट्री के माध्यम से ध्यान की अनुभूति कराई।
इस अवसर पर अपोलो हॉस्पिटल के गायनेकोलॉजिस्ट बहन डॉ. कविता बब्बर ने गर्भवती माताओं को बच्चे व मां की फिटनेस का ख्याल रखने हेतु खान-पान, नियमित चेक-अप, सुरक्षा, सावधानियां एवं सामान्य व असामान्य लक्षणों से अवगत कराया। इसके साथ ही चाइल्ड स्पेषलिस्ट डॉ. सुषील तिवारी एवं इन्द्रा मिश्रा ने भी बच्चों की देखभाल के तरीके बताये।
इससे पूर्व अपोलो हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. पी.के. पाण्डा, डॉ. कविता बब्बर, एवं ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरूआत की। तत्पष्चात् गर्भवती महिलाओं का उत्साहवर्धन करने के लिए गौरी बहन ने पूछो ना है कैसी मेरी मां…….गीत पर भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में अतिथियों के साथ, ब्र.कु., शषी बहन, ब्र.कु, गायत्री बहन, ब्र.कु. पूर्णिमा बहन, गर्भवती महिलाएं एवं नर्सिंग स्टाफ मौजूद थे।
प्रति,
भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)

 

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