Rajrishi
आगे बढ़ने के लिए दूसरों पर निर्भर न रहें- ब्रह्माकुमारी गायत्री
मस्तूरी :- हमारे माता-पिता की स्थिति कितनी भी कमजोर हो लेकिन वे इच्छाओं का त्याग कर व अपनी जरूरतों को घटाकर बच्चों की हर आवष्यकता पूरी करने के लिए अपनी क्षमता से अधिक प्रयासरत रहते हैं। हमें उनका अनादर करना तो दूर उन्हें किसी चीज के लिए जिद्द भी नहीं करना चाहिए। अपनी दिनचर्या में पढ़ाई व खेलकूद के अतिरिक्त अपने माता-पिता के कार्यों में सहयोग देना भी शामिल करें। इसके लिए यदि मोबाइल व टीवी का समय घटाना भी पड़े तो वह भी दोगुना लाभप्रद है। एक तो हमें मात-पिता की सेवा का पुण्य भी मिलेगा व दूसरा कि हम मोबाइल व टीवी के दुष्प्रभाव से बच भी जायेंगे।
उक्त बातें मस्तूरी, लटियापारा के गायत्री मंदिर के निकट स्थित ब्रह्माकुमारी पाठषाला की बहन ब्रह्माकुमारी गायत्री ने गुरूकुल उच्चतर माध्यमिक शाला, मस्तूरी के छात्र-छात्राओं को प्रेरणात्मक उद्बोधन देते हुए कही। आपने बच्चों को तितली व कोकून की कहानी बताते हुए बच्चों को सीख दी कि अपनी उन्नति के लिए कभी दूसरों से सहयोग की अपेक्षा न रखें। आगे बढ़ने के लिए आत्मनिर्भर होना जरूरी है। बार-बार दूसरों का सहयोग लेने से हम उन्हीं पर निर्भर रह जायेंगे और कमजोर बन जायेंगे।
गायत्री दीदी ने एकाग्रता के लिए मेडिटेषन का महत्व बताया और मेडिटषन की प्रेक्टिस भी कराई और कहा कि एकाग्रता से हमारी सुनने व समझने की शक्ति बढ़ती है। जब हम किसी बात को सुनकर अच्छी तरह समझ जाते हैं तब ही उसे समा सकते हैं अर्थात् धारण कर सकते हैं तब ही हमें सफलता प्राप्त होती है। मेडिटेषन व सकारात्मक विचारों से हममें अपनी कमजारियों को शक्ति बनाने की कला आ जाती है।
मास्टर योग प्रषिक्षक होरीलाल निर्णेजक ने बच्चों को योग आसन का परिचय देते हुए खेल-खेल में योग के कुछ अभ्यास कराए। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य भ्राता प्रमोद शर्मा जी, ब्रह्माकुमारी श्यामा बहन, समस्त षिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में स्कूल के छात्र व छात्राएं उपस्थित रहे।