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Rajrishi

जो स्वयं की मदद करते हैं भगवान उन्हीं की मदद करते हैं – डॉ. फरिहा आलम सिद्दिकी

प्रेस-विज्ञप्ति
जो स्वयं की मदद करते हैं भगवान उन्हीं की मदद करते हैं – डॉ. फरिहा आलम सिद्दिकी
महाराजा रणजीत सिंह सभागार में योग षिविर का तीसरा दिन
मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत ने किया स्टूडेण्ट्स का उत्साह वर्धन
‘‘विघ्न तो बहुत आते हैं किन्तु यदि हम ठान लें तो दुनिया की कोई भी ताकत हमें रोक नहीं सकती, अगर हम अपने अंदर कोई दृढ़ संकल्प कर लें तो हमें कोई भी रोक नहीं सकता है। सारी दुनिया एक तरफ हो और हमारा दृढ़ संकल्प एक तरफ हो तो हमारी सफलता तो तय ही है। जो भी कार्य आपके सामने आये यदि हम उसे चैलेंज समझ कर करें, उसकी प्लानिंग करें और पूरी ताकत के साथ लग जायें क्योंकि भगवान भी उन्हें ही मदद करते हैं जो स्वयं की मदद करते हैं और जब हम टीम के साथ कार्य करते हैं तो ‘मैं’ से कार्य सफल नहीं होगा इसमें आपको पूरी टीम को साथ लेकर चलना होगा।’’
उक्त बातें महाराजा रणजीत सिंह सभागार में आयोजित निःषुल्क सात दिवसीय योग षिविर के तीसरे दिन आईएएस/पीएससी स्टूडेण्ट्स को अपने अनुभवों से लाभान्वित करते एवं उनका मार्गदर्षन करते हुए बहन श्रीमति फरिहा आलम सिद्दिकी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत ने कही। आपने कहा कि हम सभी अलग-अलग बैकग्राउण्ड से आते हैं और जब हम सभी को देखते हैं तो हमें डर लगता है कि कितने लोग तो कई वर्षों से तैयारी कर रहे हैं। हमें क्या पढ़ना है इससे ज्यादा ध्यान हमें क्या नहीं पढ़ना है इसका ध्यान रखें। हमारे अंदर घबराहट का आना एक अच्छा लक्षण है क्योंकि ये दर्षाता है कि हम पढ़ रहे हैं। जब आप पढ़ाई करेंगे तब ही तो आपको घबराहट होगी। आप कितने घण्टे पढ़ते हैं ये इम्पॉर्टेन्ट नहीं है किंतु आप कितने दिल से तैयारी कर रहे हैं यह मायने रखता है। किसी चीज की तैयारी के लिए आप अपना 110 प्रतिषत दीजिये, पूरा प्लान बनायें और उसकी एक डेडलाइन फिक्स कर लें। फिर उस डेडलाइन के पूर्व कार्य पूरा करने में कोई बहाना न हो। लिखकर अभ्यास करना लक्ष्य प्राप्ति में सहायक है और यदि हम पढ़ाई लगातार करते रहे तो हमें पढ़ने में आसानी होती है।
जो मिला है उसके लिए ईष्वर का शुक्रिया करें
भगवान से कभी ये न कहें कि हमें यह-यह नहीं दिया, बल्कि जो भी आपको मिला उसके लिए सदा ईष्वर का धन्यवाद करते रहें क्योंकि दुनिया में अनेक लोग ऐसे हैं जिनके पास कुछ नहीं है, हम उनकी अपेक्षा तो बहुत ही भाग्यषाली हैं।
अपने पैरेन्ट्स को कभी नकारें नहीं
सभी की परिस्थितियां अलग-अलग होती हैं किन्तु हमें अगर सफल होना है तो कभी-भी अपने मां-बाप को निग्लेक्ट नहीं करना है क्योंकि हमारे पैरेन्ट्स को हमारी छोटी-सी भी सफलता से कितनी खुषी मिलती है जबकि हमारी सफलता से उन्हें कुछ लाभ नहीं मिलता। अपना अनुभव साझा करते हुए आपने कहा कि जब भी मैं कार्य करके थक जाती हूं तो अपने माता-पिता से बात करके रिचार्ज हो जाती हूं। अपने माता-पिता से सदा कनेक्ट रहिये तो आप कभी-भी टेन्षन में नहीं आयेंगे क्योंकि हमें पूरी ताकत वहीं से मिलती है। उन्होंने अपनी शुभकामनायें दी और कहा कि मन के हारे हार है और मन के जीते जीत, अपना पूरा एफर्ट लगायें और सफलता प्राप्त करें।
षिविर में सभी ने कमर दर्द के लिए किया मर्कटासन के साथ अन्य आसनों का अभ्यास
लगातार पढ़ते रहने से या अन्य कारणों से होने वाले कमर दर्द को ठीक करने के लिए आज के षिविर में ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने सभी को मर्कटासन के तीन प्रकारों का अभ्यास सिखाया, साथ ही भुजंगासन के चार प्रकार व पढ़ने के लिए अच्छी स्थिति मकरासन करने के तरीके सिखाये। एकाग्रता की वृद्धि के लिए व तनाव, अवसाद को कम करने के लिए योगनिद्रा का भी अभ्यास कराया गया।
मंजू दीदी ने जानकारी दी कि कल के सत्र में कैरियर पॉइन्ट के विद्यार्थी भी सम्मिलित होंगे एवं आरपीएफ के सीनियर डिवीजनल सेक्षन कमिष्नर भ्राता भवानी शंकर नाथ जी भी शामिल होंगे और विद्यार्थियों को मोटिवेट करेंगे।
विवेकानंद उद्यान में आज शाम सामूहिक योग का आयोजन
दीदी ने जानकारी दी कि रविवार शाम 5.30 से 7.30 बजे सामूहिक योग का आयोजन किया जा रहा है जिसका उद्देश्य है कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के पूर्व योग का अलख पूरे शहर में जागृत किये जायें। इसमें सभी को खुला निमंत्रण है शहर के सभी नागरिक इसमें सम्मिलित हो सकते हैं।
भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)
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