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Rajrishi

शासकीय प्राथमिक विद्यालय, मस्तूरी के नन्हें बच्चों ने सीखा नैतिकता का पाठ

सादर प्रकाषनार्थ
प्रेस विज्ञप्ति
आज्ञाकारी बच्चे बढ़ते हैं आगे और मिलता है सभी का प्यार – ब्रह्माकुमारी गायत्री
शासकीय प्राथमिक विद्यालय, मस्तूरी के नन्हें बच्चों ने सीखा नैतिकता का पाठ
कहानी व खेल-खेल के माध्यम से दी गई सीख

मस्तूरी :- हम सभी बच्चों के अंदर तीन गुड़िया छिपी हुई होती हैं। एक ऐसी गुड़िया है जो षिक्षकों या बड़ों द्वारा सुनाई गई बातों को एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देते हैं। दूसरे प्रकार के वे हैं जो सुनकर दूसरों को सुनाते तो जरूर हैं लेकिन खुद पालन नहीं करते और तीसरे प्रकार के वे होते हैं जो सुनकर अपने जीवन में उसे अपनाते भी हैं। ऐसी गुड़ियों अर्थात् बात मानने वाले बच्चे अमूल्य होते हैं और वह सबके चहेते बन जाते हैं, उन्हें सबका प्यार भी मिलता है और आगे भी बढ़ते हैं। माता-पिता व गुरूजनों को प्रणाम करने व उनका सम्मान करने से हमें आषीर्वाद मिलती है जो हमारी सुरक्षा कवच की तरह हमारे साथ होती हैं।
उक्त बातें मस्तूरी के शासकीय प्राथमिक शाला के नन्हें बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ाते हुए मस्तूरी, लटियापारा स्थित ब्रह्माकुमारी पाठषाला की बहन ब्रह्माकुमारी गायत्री ने कही। साथ बच्चों को चार स – सुनना, समझना, समाना, सुनाना के बारे में विस्तार से समझाया जिससे पांचवा स – सफलता प्राप्त की जा सकती है।
शरीर व मन की सफाई का रखें ध्यान – ब्रह्माकुमारी श्यामा
ब्रह्माकुमारी श्यामा बहन ने बच्चों को बताया कि जहां स्वच्छता होती है वहां ईष्वर का निवास होता है। हमें प्रतिदिन सुबह नहाकर ही स्कूल जाना चाहिए क्योंकि विद्यालय भी एक मंदिर है। साथ ही कपड़े व बालों की सफाई हुई हों, नाखून बढ़े हुए न हों।यह तो शरीर की सफाई है। लेकिन लड़ना-झगड़ना, किसी की चीज चोरी करना या बिना पूछे उठा लेना, समय पर स्कूल न आना – यह मन की स्वच्छता नहीं है। जब हम सभी से प्यार से रहते हैं, अनुषासन पर चलते हैं, सत्य बोलते हैं, समय पर स्कूल जाते हैं – यही है मन की सफाई जिसका हमें बहुत ध्यान रखना चाहिए। शरीर व मन की सफाई न होने से अनेक रोग उत्पन्न हो जाते हैं।
रोज पांच मिनट की ताली हमें स्वस्थ रहने में मदद करती है – होरीलाल निर्णेजक
योग प्रषिक्षक होरीलाल निर्णेजक ने बच्चों को संगीत के माध्यम से एक्यूप्रेषर ताली बजवाई और बच्चों को कहा कि रोज सुबह व शाम किसी भी भक्ति, देषभक्ति या खुषी के गीत बजाकर ताली बजाने से हमारे हाथों में स्थित एक्यूप्रेषर पॉइन्ट्स दबते हैं जो हमारे शरीर के बाहरी व आंतरिक अंगों को स्वस्थ रखते हैं जिससे हम बीमार होने से बच जाते हैं। साथ ही रात को सोते समय भ्रामरी व ओमध्वनि प्राणायाम करने से मन शांत रहता है और एकाग्रता की शक्ति बढ़ती है।
कार्यक्रम के दौरान बच्चों के साथ विद्यालय की प्रधानपाठिका पुष्पकली तिवारी, षिक्षिका तरूणा यादव एवं अन्य षिक्षकगण उपस्थित रहे।
प्रति,
भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)

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