Rajrishi
सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को दिया गया शांति का दान
प्रेस-विज्ञप्ति
सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को दिया गया शांति का दान
सुरक्षित यातायात के तरीकों पर डाला गया प्रकाष
‘‘संयुक्त राष्ट्र के द्वारा नवम्बर माह के तृतीय रविवार को घोषित विष्व यादगार दिवस ब्रह्माकुमारीज के द्वारा हर माह के तीसरे रविवार को मनाये जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से मिलता है। पूरे विष्व की दुखी व अषांत आत्मायें विषेषकर जिन्हें सड़क दुर्घटना के कारण क्षति पहुंची है या उनके परिवार का कोई सदस्य दुर्घटनाग्रस्त हुआ हो या किसी ने अपना जीवन ही गंवा दिया है, उन्हें सामूहिक योग के द्वारा शांति प्रदान करने एवं मानसिक रूप से सषक्त बनाने के लिये सकाष दिया गया।’’
टिकरापारा सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्र.कु. मंजू दीदी जी ने मेडिटेषन कॉमेन्ट्री के माध्यम से सभी को गहरी शांति की अनुभूति कराई। दीदी ने बताया कि बढ़ते हुए दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये राजयोग मेडिटेषन एक प्रभावषाली विधि है। राजयोग के अभ्यास से मानसिक संतुलन बढ़ता है जो हमारी एकाग्रता के लिये आवष्यक है। आज के समय में नकारात्मकता इतनी बढ़ गई है और बढ़ती ही रहेगी, जो बढ़ती दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है। इसके अलावा जनसंख्या वृद्धि, गाड़ियों की संख्या में वृद्धि, व्यसन एवं एग्रेसिव नेचर भी मुख्य कारणों में शामिल हैं। ऐसे समय में आध्यात्मिकता की आवष्यकता छोटे-बड़े सभी इंसान को है।
गाड़ियों की ट्रैफिक से शारीरिक एक्सीडेन्ट होता है उसी प्रकार विकारों की ट्रैफिक से रिष्तों में एक्सीडेन्ट होता है अर्थात् रिष्तों में दरार आ जाती है। इसके लिये विचारों का ट्रैफिक कन्ट्रोल आवष्यक है। दिनभर में हर घण्टे में एक मिनट शांत होकर अपने अर्थात् आत्मा के मूल गुणों- सुख, शान्ति, आनन्द, प्रेम, पवित्रता, ज्ञान और शक्ति में स्थित हो जायें। इससे बातचीत के दौरान एक पॉज़ मिल जाता है और कभी बातचीत लड़ाई, झगड़े में परिवर्तित नहीं होता।
अंत में कुछ साधकों ने एक्सीडेन्ट के दौरान के अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि परमात्मा की याद से सूली जैसी घटना या दर्द भी मात्र कांटों के रूप में परिवर्तित हो जाता है।