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टिकरापारा सेवाकेन्द्र में मनाई गई ब्रह्माकुमारीज़ के मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष एवं इंदौर जोन के भूतपूर्व निदेशक ब्र.कु. ओमप्रकाष भाई जी की द्वितीय पुण्यतिथि।

पे्रस-विज्ञप्ति
जीवन की महानता है पवित्रता – ब्र.कु. मंजू दीदी
ब्र.कु. ओमप्रकाश भाई जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे – ब्र.कु. मंजू दीदी
टिकरापारा सेवाकेन्द्र में मनाई गई ब्रह्माकुमारीज़ के मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष एवं इंदौर जोन के भूतपूर्व निदेशक ब्र.कु. ओमप्रकाष भाई जी की द्वितीय पुण्यतिथि।
‘‘जीवन जीना एक बात है किन्तु त्याग, तपस्या, पवित्रता के साथ जीवन जीकर अनेकों का जीवन भी ऐसा श्रेष्ठ बनाना, ऐसी विभूतियां कोटों में कोई ही होती हैं। इनमें से एक विभूति ब्रह्माकुमारीज़ के छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेष, उड़ीसा, एवं राजस्थान क्षेत्र के निदेषक एवं मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष राजयोगी भ्राता ओमप्रकाश जी थे जिन्होंने अपने जीवनकाल में लाखों आत्माओं को परमात्म संदेष देकर उन्हें परमात्म प्रेम, सुख, शांति का अधिकारी बनाकर उनका संबंध परमात्मा से जोड़ा एवं उनके लिये प्रेरणास्रोत बने। आप इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हुए संस्था के संपर्क में आये एवं पढ़ाई पूरी करने के पश्चात् 22 वर्ष की उम्र में अपना पूरा जीवन समस्त मानव जाति के कल्याण के लिये परमात्मा को समर्पित कर दिया।’’
उक्त बातें ब्रह्माकुमारीज़ इंदौर जोन के भूतपूर्व निर्देषक आदरणीय भा्रता राजयोगी ब्र.कु. ओमप्रकाष ‘‘भाई जी‘‘ के द्वितीय पुण्यतिथि पर टिकरापारा सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्र.कु. मंजू दीदी जी ने ‘भाई जी’ के दिव्य जीवन पर प्रकाष डालते हुए कही। आपने भाईजी को अपने समर्पित जीवन के लिये प्रेरणाश्रोत बताते हुए कहा कि भाई जी के मार्गदर्षन में मेरे जैसी 800 बहनों ने भी अपना जीवन मानवता की सेवा में समर्पित कर दिया। भाई जी ने हमें जीवन जीने की, हर कार्य में परफेक्षन की, सभी को आगे बढ़ाने की, प्रषासन की, सबको प्यार बांटने की कला सिखायी। भाई जी बहुत ही रचनात्मक थे, आपने नये-नये तरीकों से सेवाओं का विस्तार किया एवं आपके कुशल नेतृत्व में 600 सेवाकेन्द्र बने एवं इंदौर में छोटी-छोटी कन्याओं में आध्यात्मिकता की अलख जगाने के लिये सन् 1983 में ‘‘षक्ति निकेतन’’ दिव्य जीवन कन्या छात्रावास का निर्माण किया।
अंत मे सेवाकेन्द्र की बहनों व साधकों ने भाई जी को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए एवं उनके बताए मार्ग पर चलने के लिए संकल्पित हुए।
ईश्वरीय सेवा में,
ब्र.कु. मंजू
प्रति,
भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)
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