Baloda
मन के विज्ञान का परम शास्त्र है गीता – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

मन के विज्ञान का परम शास्त्र है गीता – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी
आज का हर व्यक्ति अर्जुन है जिसे ईश्वरीय मत की आवश्यकता है…
ब्रह्माकुमारी बलौदा में गीता ज्ञान का तीसरा दिन
बलौदा :- परमात्मा सबसे बड़े मनोचिकित्सक हैं और परमात्मा की वाणी अर्थात् गीता मन के विज्ञान का परम शास्त्र है। घोर संकट के समय भी अर्जुन के मन में मोह उत्पन्न होने पर भगवान उनके मन का भाव समझकर कहते हैं कि ये समय मोह का नहीं है, ये विकार न तो तुम्हे शोभता है और न ही इससे कीर्ति मिलेगी, न स्वर्ग का राज्यभाग्य प्राप्त होगा।
ये बातें शिव दर्शन भवन, बलौदा में आयोजित ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेंद्र में आयोजित गीता की राह वाह जिंदगी वाह शिविर के तीसरे दिन दूसरे अध्याय – ज्ञान योग (सांख्य योग) को आगे बढ़ाते हुए ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने कही।
आपने बतलाया कि मन का कमजोर होना किसी एक अर्जुन की बात नहीं है बल्कि आज के हर मानव की मनःस्थिति है। भगवान कहते हैं कि वो दिन कभी था ही नहीं ज़ब मैं नहीं था या तुम नहीं थे या ये सभी लोग नहीं थे क्योंकि आत्मा तो अजर, अमर, अविनाशी सत्ता है। आत्मा का कभी विनाश नहीं होता। मृत्यु तो केवल एक पड़ाव है। और तुम जिनके लिए शोक कर रहे हो वो तो शोक के योग्य ही नहीं है।
सादर प्रकाश नॉर्थ
प्रेस विज्ञप्ति 2
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती – ब्रह्माकुमारी प्रीति
बलौदा स्थित ब्रह्मा कुमारीज शिव दर्शन भवन में बाल संस्कार शिविर की हुई शुरुआत…
जो काम बड़ों से हो ना सके, हम छोटे कर दिखलाएंगे…
संस्कार निर्माण के लिए बच्चों को दिनचर्या सुधार की बातें बताई गई।
योग, ध्यान, गीता श्लोक, दोहे, भी सिखाये…
बलौदा – जो रात को जल्दी सोए और सुबह को जल्दी जागे उस बच्चे से दुनिया का दुख दूर दूर भागे। जल्दी उठकर मेडिटेशन करना, सुबह स्नान करके माता पिता के पैर छूना उसके बाद ही घर से स्कूल के लिए निकलना चाहिए।
उक्त बातें मास्टर योग प्रशिक्षक बीके प्रीति बहन ने बाल संस्कार शिविर की पहले दिन बच्चों को कही। उन्होंने पैर छूने का वैज्ञानिक रहस्य बताते हुए कहा शरीर के कई अंगों से ऊर्जा प्रवाह होता है। जब हम बड़ों के पैर छूते हैं तो उनके पांव से एनर्जी हमें मिलती है और दूसरा जब भी अपने हाथ हमारे सिर पर रखते हैं तो उनके हाथों की ऊर्जा भी हमें मिलती है।
इसके अतिरिक्त बच्चों को विभिन्न आसन, सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, संगीतमय एक्सरसाइज भी कराया गया। दो प्रेरणादायी गीतों – जैसा सोचोगे तुम वैसा बन जाओगे व हम परमपिता के बच्चे हैं, धरती पर स्वर्ग बसाएंगे, जो काम बड़ों से हो न सके, छोटे कर दिखलाएंगे… पर एक्शन डांस कराया।