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Baloda

डिप्रेशन की सबसे अच्छी दवा है गीता ज्ञान – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी 

सादर प्रकाशनार्थ

प्रेस विज्ञप्ति

डिप्रेशन की सबसे अच्छी दवा है गीता ज्ञान – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

बिना भगवान को अर्पित किये भोजन करने वाला भी चोर है…

बलौदा में गीता ज्ञान का छठवां दिन

बलौदा : भगवान ने गीता में जो योग की विधि सिखाई है उसे राजयोग कहते हैं और यही राजयोग सबसे अच्छी मेडिटेशन टेक्निक है क्योंकि यह भगवान द्वारा दिए गए ज्ञान पर आधारित ध्यान की विधि है जिससे सतत उत्तरोत्तर उन्नति होती है। यही योग डिप्रेशन की सबसे अच्छी दवा है।

 

 

ये बातें ब्रह्माकुमारीज़ शिव दर्शन भवन बलौदा में चल रहे गीता ज्ञान के 6वें दिन ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने कही। उन्होंने बतलाया कि आज के समय में मनोरोग विशेषज्ञ भी इसी योग को मेडिटेशन कहकर सलाह देते हैं। वैज्ञानिक तथ्य भी यही कहता है कि बीस मिनट का शक्तिशाली मेडिटेशन हमारी 8 घण्टे की थकान दूर कर देती है और 5 मिनट का गुस्सा हमारे दो घण्टे कार्य करने की शक्ति को नष्ट कर देता है।

 

दीदी ने कहा कि हमारे पास जो कुछ भी है वह परमात्मा की देन है। उन्हें अपना मानना या बिना अर्पित किये स्वीकार करना भी चोरी के समान है। ज़ब हम भगवान को स्वीकार कराकर भोजन करते हैं तो वो ब्रह्मा भोजन बन जाता है और यह भोजन करने वाला पापों से मुक्त हो जाता है।

परमात्मा का अवतरण इस धरा पर हो चुका है…

भगवान ने अर्जुन को कलयुग अंत का लक्षण बताते हुए कहा ज़ब मनुष्य दो तरह की बातें करेंगे। उनकी कथनी और करनी में बहुत अंतर होगा। मनुष्य नैतिकता को छोड़कर दोनों तरफ से एक-दूसरे का शोषण करेंगे। ज्ञान का दिखावा करके मनुष्य एक-दूसरे के मांस का भक्षण करेंगे। उन्हें केवल पद और धन से ही मतलब रहेगा, फिर चाहे, उन्हें किसी की हत्या ही क्यों न करनी पड़े। मनुष्य का अंहकार उनके घरों से भी बड़ा होगा। अंधे प्रेम में डूबकर माता-पिता तब तक बच्चों को प्यार करते रहेंगे, जब तक कि उनका अहित न कर बैठें। कलियुग में अपने बच्चों को बिगाड़ने के जिम्मेदार माता-पिता भी होंगे। केवल भगवान के स्मरण से ही मनुष्य धर्म मार्ग पर टिका रह पाएगा। मनुष्य दिखावे के लिए अपने धन को खर्च करेंगे। विवाह, जन्म, मरण आदि उत्सवों पर पैसे बहाएंगे और उन लोगों को धन और उपहार देंगे, जो पहले से भरे हुए हैं लेकिन उनके आस-पड़ोस और रिश्ते-नातों में गरीबी और तंगी को झेल रहे मनुष्यों के लिए उसके पास कुछ नहीं होगा। उनका ध्यान जरुरतमंद लोगों पर नहीं जाएगा।

दीदी ने कहा ये सब लक्षण इस कलयुग के अंत समय के ही हैं। अभी पुनः सतयुग की स्थापना के लिए स्वयं परमात्मा इस धरा पर अवतरित हो चुके हैं।