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Baloda

शिक्षक दिवस पर विशेष उद्बोधन

*शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर में शिक्षक दिवस पर विशेष उद्बोधन*

*सारे जगत का पिता, शिक्षक और गुरु एक परमात्मा ही है: बीके रूपा*

*श्राद्ध पर गीता ज्ञान का आयोजन रविवार 7 सितम्बर से*

बिलासपुरः भिन्न भिन्न मनुष्यों के पिता, शिक्षक और गुरु भिन्न भिन्न होते हैं लेकिन सभी मनुष्य आत्माओं के पिता, शिक्षक और गुरु एक परमात्मा ही है। उस एक परमात्मा को भूलने के कारण ही मनुष्य सत्य मार्ग से भटक दुख अशांति मे डूब गये है। अब समय आ गया है कि उस परम शिक्षक की शिक्षा पर चलकर स्वयं का और औरों का भाग्य बनाये। यह बाते ब्रह्माकुमारी रूपा ने शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर में कही।

उन्होंने कहा कि लौकिक शिक्षक की प्रेरणा हमारी आर्थिक, सामाजिक, पद प्रतिष्ठा इत्यादि आवश्यकताओं की पूर्ति कराती है जिसका कर्ज हम पर जन्म भर हमेशा रहेगा। परमात्मा की शिक्षा हमें जन्म जन्मान्तर के पाप से मुक्त कर कई जन्मों के लिये श्रेष्ठ भाग्य बनाने का मार्ग बताता है तो उस परमात्मा के लिये हमारे मन मे हर पल कृतज्ञता का भाव होना चाहिए।

आगे कहा कि शिक्षक का वास्तविक सम्मान उनके द्वारा प्राप्त ज्ञान से स्वयं एवं दूसरों का परिवर्तन कर हर परिस्थिति में निर्विघ्न एवं शक्तिशाली बनना और बनाना है। सर्व शक्तिमान परमात्मा हमारे साथ है इस श्रेष्ठ स्मृति से हमारे भीतर शक्ति प्रवेश करेगी, विकर्म भस्म होंगे। शांति की शक्ति बहुत सहज स्व को और दूसरों को परिवर्तन करती है। प्रकृति को बदलने के लिये शांति की शक्ति अर्थात योगबल ही चाहिए।

*पितृ पक्ष श्राद्ध के अवसर पर शिव-अनुराग भवन में गीता ज्ञान का आयोजन रविवार, 7 सितंबर से*

पूर्वजों के प्रति अपनी भावना व्यक्त करने, उनकी मुक्ति और जीवन मुक्ति का सही मार्गदर्शन प्राप्त करने के उद्देश्य से राज किशोर नगर स्थित शिव अनुराग भवन सेवाकेंद्र में रविवार 7 से 14 सितंबर तक प्रतिदिन शाम 6:30 से 8 बजे गीता की राह – वाह जिंदगी वाह सतसंग का आयोजन किया जा रहा है। मंजू दीदी ने बतलाया कि आज के बच्चे युवा में भी सनातन धर्म के संस्कारों का बीज डालना भी शिविर का उद्देश्य है क्योंकि आज की पीढ़ी आध्यात्म से दूर होने के कारण हमारे भारतीय संस्कारों से अनभिज्ञ हैं।

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