Baloda
वेदों के साथ वेदना भी पढ़ना जरूरी – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

सादर प्रकाशनार्थ
प्रेस विज्ञप्ति
वेदों के साथ वेदना भी पढ़ना जरूरी – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी
बलौदा – यदि आपके पास धन है, साधन है तो उसका उपयोग जरूर करें लेकिन साधना भी निरंतर चलती रहे। साधना में बड़ा आनंद है। साधन में अगर मन मोहित हो गया तो भगवत प्राप्ति का अनुभव नहीं कर पाएंगे, मन एकाग्र नहीं होगा। आध्यात्मिक चेतना में स्थित होने से ही परमात्म प्यार के आनंद की अनुभूति होती है और इसे ही कहते हैं अतींद्रिय सुख। अतींद्रिय सुख के लिए ही गोप गोपियों का गायन है।
उक्त बातें ब्रह्मा कुमारीज शिव दर्शन भवन, बलौदा में चल रहे गीता की राह वाह जिंदगी वाह शिविर के चौथे दिन ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने कहीं।
आपने बतलाया की शारीरिक सुंदरता के लिए तो कई ब्यूटी पार्लर खुले हुए हैं लेकिन आंतरिक सुंदरता निखारने के लिए यह परमात्म महावाक्य – गीता ज्ञान ब्यूटी पार्लर है जिसका पठन एवं श्रवण अनेक स्थानों पर होना चाहिए।
दीदी ने कहा कि परिस्थिति मन की अवस्था पर आधारित है – जब मन कमजोर होता है तो परिस्थिति समस्या, संतुलित होता है तो चुनौती और ज़ब यहीं मन शक्तिशाली होता है तो तो स्थिति अवसर बन जाती है। शांत और शक्तिशाली मंत्र हमेशा समस्याओं में सफलता ही प्राप्त करता है। यदि सफलता प्राप्त नहीं भी होती तब भी तुम स्थिर बुद्धि रहोगे, विचलित नहीं होगे। कर्म करने पर तुम्हारा अधिकार है लेकिन कर्म फल पर नहीं। वह समय अनुसार स्वतः प्राप्त होता ही है।
प्रेस विज्ञप्ति 2
शरीर और मन की स्वच्छता जरूरी – ब्रह्माकुमारी कविता बहन
बलौदा- स्थित ब्रह्माकुमारीज़, शिव दर्शन भवन में बाल संस्कार शिविर दूसरा दिन…..
संस्कार निर्माण के लिए गीता श्लोक अर्थ सहित सिखाएं…
बलौदा- हमारा हर कर्म बहुत अच्छा होना चाहिए क्योंकि श्रेष्ठ कर्म रूपी संस्कार ही आत्मा के साथ जाते हैं, यही सच्ची कमाई है। अच्छे कर्म की शुरुआत सोच से अर्थात् मन से होती है। इसलिए शरीर और मन दोनों की स्वच्छता जरूरी है। कहा भी जाता है – मल मल धोए शरीर को, धोए न मन का मैल…
उक्त बातें ब्रह्माकुमारी कविता बहन ने बाल संस्कार शिविर के दूसरे दिन बच्चों को संस्कारों की सीख देते हुए कही l
ब्रह्माकुमारी प्रीति बहन ने सूर्य को जल चढ़ाने का वैज्ञानिक रहस्य बताते हुए कहा जब सूर्य की किरणें जल के माध्यम से हमारी आंखों पर पड़ती हैं, तो यह हमारी आंखों की रोशनी को तेज करती है और आंखों के रंग को प्राकृतिक बनाती है। यह हमारे शरीर में रंगों के संतुलन को भी सही करती है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और त्वचा के रोग कम होते हैं,.
इसके अतिरिक्त बच्चों को संगीतय एक्सरसाइज भी कराया प्रेरणादाई गीतों पर एक्शन डांस कराया ओम की ध्वनि शांति पाठ कराया गया
बच्चे टोली प्रकार उमंग उत्साह से प्रस्थान हुए