Brahma Kumaris Raj Kishore Nagar
गणेश जी को मोदक का भोग मुदित भाव का प्रतीक – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

*गणेश जी को मोदक का भोग मुदित भाव का प्रतीक – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी*
*प्रभु दर्शन भवन में गणपति के निमित्त भोग लगाकर गणेश जी की विशेषताओं पर आधारित वरदान दिया गया, विभिन्न स्वरूपों का बताया आध्यात्मिक रहस्य…*
*मात-पिता के प्रति श्रद्धा भाव ने बनाया प्रथम पूज्यनीय*
बिलासपुर टिकरापारा : विघ्नविनाशक गणेश जी के अंग प्रतीक रूप में हमें दिव्य संदेश देते हैं। माता-पिता को ही पूरा ब्रह्मांड मानना अपार स्नेह और श्रद्धा का प्रतीक है जो आज के समय में हम सभी के लिए विशेष सीख है।
उक्त बातें प्रभु दर्शन भवन में गणेश जी के निमित्त विशेष आयोजन पर मंजू दीदी ने कही। उन्होंने विभिन्न स्वरूपों का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि *एकदंत* स्व की रक्षा के लिए आत्म विश्वास का प्रतीक *लम्बा उदर* समाने की शक्ति का *गजमुख* अर्थात् भव्य मस्तक दिव्य बुद्धिमता,*गजकर्ण* श्रवण शक्ति,*वक्रतुंड* आसुरी शक्तियों को जड़ से नष्ट करने की सामर्थ्य, *गजचक्षु* दूरदर्शिता और *भालचंद्र* शीतलता का प्रतीक है *उनके विभिन्न अलंकार जैसे कमलपुष्प* पवित्र, अलिप्त एवं आनंदमय जीवन,*परशु* दुःखदायी बंधनो का नाश करने,*वरदहस्त* महादानी, वरदानी दृष्टि,*दोरखंड* ईश्वरीय स्नेह और मर्यादा और *मोदक:* सुख शांति, समृद्धि और मुदित भाव का प्रतीक है।
अंत में सभी को गणेश जी की विशेषताओं पर आधारित वरदान कार्ड देते हुए मोदक का भोग वितरित किया गया। भोग बनाने में ब्रह्माकुमारी हेमवती बहन, समीक्षा बहन, पूर्णिमा बहन, नीता बहन एवं सेवाकेंद्र की तपस्वी माताओं का विशेष योगदान रहा।
*पितृ पक्ष श्राद्ध के अवसर पर रविवार, 07 सितंबर से शिव अनुराग भवन में गीता ज्ञान का आयोजन*
पूर्वजों के प्रति अपनी भावना व्यक्त करने, उनकी मुक्ति और जीवन मुक्ति का सही मार्गदर्शन प्राप्त करने के उद्देश्य से राज किशोर नगर स्थित शिव अनुराग भवन सेवाकेंद्र में रविवार 7 से 14 सितंबर तक प्रतिदिन शाम 6:30 से 8 बजे गीता की राह – वाह जिंदगी वाह सतसंग का आयोजन किया जा रहा है। मंजू दीदी ने बतलाया कि आज के बच्चे युवा में भी सनातन धर्म के संस्कारों का बीज डालना भी शिविर का उद्देश्य है क्योंकि आज की पीढ़ी आध्यात्म से दूर होने के कारण हमारे भारतीय संस्कारों से अनभिज्ञ हैं।