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Brahma Kumaris Raj Kishore Nagar

किसी भी उम्र में जागृत कर सकते हैं आत्म बल – ब्रह्मा कुमारी गायत्री दीदी

*किसी भी उम्र में जागृत कर सकते हैं आत्म बल – ब्रह्मा कुमारी गायत्री दीदी*

आत्मा के शान्त स्वरूप की स्मृति दिलाता है ओमशान्ति महामंत्र…

**ब्रह्मा कुमारीज़ बिलासपुर में राजयोग मेडिटेशन कोर्स का सफल आगाज़: आत्मा की पहचान और आत्मिक शक्ति पर केंद्रित पहला दिन**

 

**बिलासपुर, 18 सितंबर :** ब्रह्मा कुमारीज़ बिलासपुर, राजकिशोर नगर में ब्रह्माकुमारी गायत्री दीदी द्वारा संचालित राजयोग मेडिटेशन कोर्स के पहले दिन का सत्र “आत्मा का परिचय और आत्मिक शक्ति” विषय पर केंद्रित रहा। इस कोर्स का उद्देश्य व्यक्तियों को उनके वास्तविक स्वरूप और आंतरिक क्षमताओं से अवगत कराना है।

 

इस उद्घाटन सत्र में प्रतिभागियों को कुछ मुख्य अवधारणाओं से परिचित कराते व आत्मा का वास्तविक स्वरूप हुए ब्रह्माकुमारी गायत्री दीदी ने कहा कि **हम शरीर नहीं बल्कि आत्मा हैं**, जो एक गाड़ी और ड्राइवर के समान हैं। आत्मा को एक ऊर्जा और शक्ति के रूप में वर्णित किया गया है जिसे कोई शस्त्र काट नहीं सकता, न आग जला सकती और न पानी बहा सकता।

* **आत्मा के सात मौलिक गुण:** आत्मा के मुख्य गुण **सुख, शांति, आनंद, प्रेम, पवित्रता, ज्ञान और शक्ति** हैं, जो हमारे भीतर ही निहित हैं, पर हम उन्हें अक्सर बाहर खोजते हैं।

* **”ओम शांति” का महत्व:** ब्रह्मा कुमारीज़ में “ओम शांति” का अभिवादन हमें याद दिलाता है कि **”मैं आत्मा शांत स्वरूप हूँ, आप आत्मा भी शांत स्वरूप हैं और मुझ आत्मा का घर परमधाम शांति धाम है”**। यह हमें शांति प्रदान करता है।

* **आत्मा की शक्तियाँ – मन, बुद्धि, संस्कार:**

* **मन:** विचारों के चार प्रकार बताए गए – सकारात्मक, नकारात्मक, आवश्यक और व्यर्थ अनावश्यक। **सकारात्मक और आवश्यक विचारों को अपनाने पर बल दिया गया**, क्योंकि इससे मन हल्का और प्रसन्न रहता है।

* **बुद्धि:** बुद्धि का कार्य **निर्णय लेना** है।

* **संस्कार:** शरीर के 16 संस्कारों से भिन्न, आत्मा के पाँच प्रकार के संस्कार बताए गए, जिनमें **आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति (विल पावर) को जागृत करने वाले मूल संस्कार** प्रमुख हैं।

* **राजयोग और परमात्मा से संबंध:** राजयोग का अर्थ है **”राजाओं का राजा बनने का योग”** और योग का अर्थ है मिलन या संबंध। यह आत्मा का निराकार **ज्योति स्वरूप परमात्मा पिता “बाबा”** के साथ संबंध जोड़ना है।

* **प्रेरणा और आत्मिक जागृति:** स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी और अन्य व्यक्तित्वों के उदाहरणों से बताया गया कि **आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति किसी भी उम्र में जागृत की जा सकती है**, जिससे आत्मा सशक्त होकर चुनौतियों का सामना कर पाती है। ज्ञान और योग का “घृत” आत्मा की ज्योति को स्थिर और शक्तिशाली बनाए रखता है।

 

यह कोर्स आत्मिक शांति, मानसिक स्पष्टता और सशक्त इच्छाशक्ति विकसित करने में सहायता करता है, जिससे न केवल व्यक्तिगत जीवन में सुधार आता है बल्कि समाज और प्रशासन के लिए भी सक्षम नागरिक तैयार होते हैं।

 

ब्रह्मा कुमारीज़ बिलासपुर, राजकिशोर नगर, सभी नागरिकों को इस प्रेरणादायक कोर्स में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है।

 

**आयोजक:**

ब्रह्मा कुमारीज़ बिलासपुर, राजकिशोर नगर