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Brahma Kumaris Raj Kishore Nagar

कमजोर बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए अनुशासन के साथ प्यार व प्रशंसा जरूरी – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

*कमजोर बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए अनुशासन के साथ प्यार व प्रशंसा जरूरी – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी*

*विश्व का सर्वोत्तम पद है शिक्षक का…*

*सशक्त भारत के नवनिर्माण के लिए शिक्षकों में आध्यात्मिकता का होना जरूरी – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी*

*ब्रह्मा कुमारी बहनों ने सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल के शिक्षकों के साथ मनाया शिक्षक दिवस*

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बिलासपुर टिकरापारा :- इस विश्व का सर्वोत्तम जॉब शिक्षक का है क्योंकि डॉक्टर हो इंजीनियर हो या कोई आईएएस ऑफिसर, सभी को उस पद तक पहुंचाने का श्रेय शिक्षक का होता है। कोई बच्चा ज़ब माता-पिता के कम्फर्ट जोन से बाहर निकलकर शिक्षक के पास आता है तो सबसे पहले तो उसे शिक्षक का प्यार ही चाहिए होता है। कोई बच्चा पढ़ाई में कमजोर हो तो उसके लिए नकारात्मक शब्द का प्रयोग करके उसे हतोत्साहित नहीं करें बल्कि उन्हें अनुशासन के साथ प्यार और प्रशंसा के द्वारा आगे बढ़ाएं।

ये बातें सेंट जोसफ कान्वेंट स्कूल की पूर्व छात्रा रही टिकरापारा सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने स्कूल के सभी शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कही।

*संगठन को आगे बढ़ाने दिल, दिमाग़ और कर्म की शक्ति चाहिए…*
किसी भी संगठन को सुचारु रूप से चलाने के लिए मेहनत के साथ दिमाग़ और दिल की शक्ति अर्थात् समर्पण भाव चाहिए। केवल दिमाग़ हो तो टकराहट होगी, केवल मेहनत हो तो स्मार्ट वर्क नहीं होगा लेकिन ज़ब दिमाग़ और मेहनत के साथ समर्पण होगा तो सफलता निश्चित है।

कुछ शिक्षकों ने कार्यक्रम का अनुभव साझा करते हुए कहा कि मंजू दीदी की तरह हमें भी मुस्कान को अपनी पहचान बनाना है और आज उनके द्वारा दी गयी अनुभवयुक्त सीख को अपने जीवन में अमल में लाना है।

प्रिंसिपल सिस्टर सुमन ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि जैसे दीदी ने कहा एक शिक्षक मोमबत्ती के प्रकाश की तरह खुद पिघलकर दूसरों को रोशनी देता है ऐसे चाहे मैं प्रिंसिपल, चाहे सभी शिक्षक अपने समर्पण, मेहनत और प्यार से खुद को पिघलाकर दूसरों को जीवन देना है क्योंकि आज के समय में मोरल वैल्यू और जीके को छोड़कर हर किताब में मूल्यों की कमी हो गई है। इसलिए बच्चों को मूल्य शिक्षा देकर मूल्यवान बनाना हमारा कर्तव्य है।

अंत में सभी शिक्षकों के सम्मान में ब्रह्माकुमारी गायत्री बहन ने ईश्वरीय वरदान कार्ड से सजा गुलाब का पुष्प भेंट किया और ब्र. कु. मंजू दीदी ने ईश्वरीय सौगात देकर सभी का सम्मान किया जिसमें ब्रह्माकुमार राकेश भाई व ब्र. कु. ईश्वरी बहन भी सहयोगी रहे। सभी शिक्षक वरदान पा कर फूले नहीं समाये।

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