Brahma Kumaris Raj Kishore Nagar
भगवान ने अर्जुन को अवसाद दूर करने के लिए नीन्द की दवा नहीं, गीता ज्ञान दिया – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

*भगवान ने अर्जुन को अवसाद दूर करने के लिए नीन्द की दवा नहीं, गीता ज्ञान दिया – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी*
ब्रह्मा कुमारीज़ शिव अनुराग भवन में गीता ज्ञान का दूसरा दिन
बिलासपुर राज किशोर नगर : हम सभी उस अर्जुन की तरह हैं जो युद्ध के मैदान पर धर्म और अधर्म के बीच खड़ा है और अधर्म की ओर खड़े अपने संबंधियों को देखकर युद्ध करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। परन्तु यदि भारत में आदि सनातन देवी देवता धर्म अर्थात् सत्य धर्म की स्थापना करनी है तो हमें अधर्म अर्थात् काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार रूपी बुराइयों पर जीत प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है। अर्जुन के इस अवसाद को दूर करने के लिए कोई नीन्द आदि की दवा नहीं दी बल्कि गीता का ज्ञान देकर उनके आत्मशक्ति को जगाया।
उक्त बातें ब्रह्माकुमारीज़ शिव अनुराग भवन राज किशोर नगर सेवाकेंद्र में चल रहे गीता की राह वाह जिंदगी वाह शिविर के दूसरे दिन लोगों को सम्बोधित करते हुए ब्रह्मा कुमारी मंजू दीदी ने कही।
उन्होंने गीता के प्रथम अध्याय की शुरुआत करते हुए कहा कि ज़ब हम ध्यान की शुरुआत करते हैं तो विकार या आसक्ति हमें ध्यान करने से रोकती है। आसक्ति पूर्ण नहीं होती तो क्रोध आता है जिससे हमारी निर्णय शक्ति कम हो जाती है और हमें सफलता नहीं मिलती, हम जीवन का सही आनंद नहीं ले पाते। इसलिए गृहस्थ धर्म के लिए कमल पुष्प का उदाहरण आता है कि वह जल में रहते भी जल से न्यारा प्यारा रहता है।
दीदी ने कहा कि अपने व्यवहार में हम क्रोध, ईर्ष्या, अनादर करके अपने पाप कर्मों का बैलेंस बढ़ाते हैं जो कि आगे की यात्रा में हमारे लिए दुखकारी होगा इसलिए जीवन को सुखमय बनाने के लिए हमें अपने कर्मों पर विशेष ध्यान देकर पुण्य कर्मों का खाता बढ़ाना होगा।