Brahma Kumaris Raj Kishore Nagar
सियान मन के दुआ अउ प्यार हमन ल आगे बढ़ाथे – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

*सियान मन के दुआ अउ प्यार हमन ल आगे बढ़ाथे – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी*
– ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में ‘ *सियान चेतना* ‘ का शुभारम्भ कार्यक्रम
– बुजुर्गों को समय दें, उन्हें ख़ुशी देना ही सच्ची सेवा…
– *ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की प्रथम मुख़्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती की 60वीं पुण्यतिथि मनाई गई…*
बिलासपुर टिकरापारा :- बुजुर्गों को समय देना, उनकी बातें सुनना ही उन्हें ख़ुशी प्रदान करता है। यही उनकी सच्ची सेवा है। उनकी दुआएं व प्यार ही हमें आगे बढ़ाता हैं। रोज की दिनचर्या में कुछ समय उनके पास जरूर बैठें। उनका अनुभव, उनकी बातें सुनें। कई बार वे वही वही बात दोबारा तिबारा भी कहेंगे फिर भी शान्ति और धैर्यता से उनका सम्मान रखते हुए उनके साथ बैठें। उनसे चिढ़ – कुढ़ कर या उत्तेजित होकर बात न करें। नहीं तो बाद में बहुत पश्चाताप करना पड़ेगा।
उक्त बातें संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती के 60 वें पुण्यतिथि पर एकत्रित सभा को अपने अनुभवयुक्त विचार रखते हुए सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने कही। आपने बतलाया कि उनका विशेष महत्व तो तब हमें पता चलता है ज़ब वे आगे की यात्रा में चले जाते हैं। बिलासपुर पुलिस की चेतना अभियान का यह सातवाँ प्रकल्प ‘सियान चेतना’ वंदनीय है।
*सहन करते भी आनंदित रहना, ईश्वरीय गुण है – मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती (मम्मा)*
दीदी ने मातेश्वरी जी के महावाक्य सुनाते हुए कहा कि ईश्वरीय मार्ग सहन करने का मार्ग है, इसे अवश्य तय करना है यह ऐसा ईश्वरीय व दैवीय गुण है जिसमें ख़ुशी समायी हुई है।
*अपने को नहीं बदला तो दुनिया नहीं बदलेगी…*
उन्होंने कहा कि जैसे व्यापारी अपना खाता रोज देखता है ऐसे रोज रात को 10-15 मिनट अपनी दिनचर्या को चेक करो कि अभी तक जो 5 विकारों के वशीभूत हो जी रहे थे उसमें हमारा क्रोध कम हुआ?, लोभ या मोह वश पाप तो नहीं किया ?
अगर हम नहीं बदलेंगे तो दुनिया कैसे बदलेगी और सतयुग कैसे आएगा। ऐसी मातेश्वरी जी की शिक्षाओं को याद करते हुए उन्हें भोग स्वीकार कराया गया। शहर व आसपास के गांव से उपस्थित संस्था के सदस्यों ने उन्हें अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
सभी ने भोग स्वीकार किया।