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brahmakumaris Tikrapara

माँ की प्रेरणा ने ही मुझे ब्रह्माकुमारी बनाया – ब्र. कु. मंजू दीदी

*माँ की प्रेरणा ने ही मुझे ब्रह्माकुमारी बनाया – ब्र. कु. मंजू दीदी*

*मां की पालना का कर्ज कोई भी संतान उतार नहीं सकती- बी के गायत्री *

*शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर में मातृदिवस पर मातृशक्ति का सम्मान किया गया*

बिलासपुर: मै माँ की शक्ति स्वरुप पालना की वजह से ही ब्रह्माकुमारी बनी। मातृदिवस पर मंजू दीदी ने अनुभव सुनाते हुए कहा कि अंतिम समय तक भी मेरी लौकिक माताश्री मुझे ईश्वरीय सेवा के लिए ही प्रेरित करती रही। शरीर छोडने की घडियो मे मै परमात्म महावाक्य ही सुना रही थी और अंतिम यात्रा अलौकिक रीति से संपन्न हुई । आज भी माँ की प्रेरणा का सूक्ष्म रूप मैं अनुभव करती हूँ।

शिव अनुराग भवन राजकिशोर नगर मे मातृदिवस के अवसर *परिवार और समाज में माँ की भूमिका* पर प्रकाश डालते गायत्री बहन ने कहा कि माँ की पालना का कर्ज कोई भी संतान उतार नहीं सकती । जन्म से चार वर्ष की आयु तक माँ जिस धैर्यता से बच्चों की सम्भाल करती है बच्चे माँ की वैसी संभाल एक दिन भी नहीं कर सकते।
कु. विद्या ने “ओ मेरी माँ” गीत पर माँ के पालना को चेहरे के भाव से व्यक्त करते सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किया। कु. दिव्या बहन ने “माँ मेरी माँ ” और “रिश्ता तेरा मेरा सबसे है आला” गीत पर प्रस्तुति देकर सभी को भावविभोर कर दिया।

अंत में सभी मातृशक्ति एवं उपस्थित साधकों को ईश्वरीय परिवार की ओर से बहनों ने तिलक, प्रसाद व सौगात देकर सम्मनित किया।