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Brahma Kumaris Raj Kishore Nagar

गुरुओं की पवित्रता ने दुनिया को दुर्गति से बचाया है – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी मंजू दीदी ने दी दूरगामी उद्देश्य में चलने की सीख – ब्रह्माकुमारी गायत्री

सादर प्रकाशनार्थ
प्रेस विज्ञप्ति

गुरुओं की पवित्रता ने दुनिया को दुर्गति से बचाया है – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

मंजू दीदी ने दी दूरगामी उद्देश्य में चलने की सीख – ब्रह्माकुमारी गायत्री

– ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में मनाया गया गुरु पूर्णिमा का पर्व
– गुरुओं से सीखी विधाओं का किया वर्णन

बिलासपुर टिकरापारा :- गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आज गुरुवार सुबह टिकरापारा में गुरु परम्परा से लेकर परम सद्गुरु की प्राप्ति को सम्मुख रखते हुए सभी का वन्दन करते हुए भोग स्वीकार कराया गया।

इस अवसर पर ब्रह्मा कुमारी मंजू दीदी ने अनुभव साझा करते हुए गुरुओं का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि 1976 में अल्पायु में ही गुरु पूर्णिमा के दिन धानबाद में परम सद्गुरु परमात्मा का परिचय प्राप्त हुआ। स्वामी सत्यानंद सरस्वती से आसनों व विभिन्न यौगिक क्रियाओं का ज्ञान प्राप्त हुआ। 1982 में ईश्वरीय प्यार में मानवता की सेवा के लिए ब्रह्माकुमारी संस्थान में जीवन समर्पित करने की प्रेरणा मिली।

इसके बाद ध्यान शिक्षिका होने के नाते महर्षि महेश योगी जी से भावतीत ध्यान सीखने के साथ पूरे छतीसगढ़ में ध्यान व ज्ञान का डंका बजाने का आशीर्वाद भी मिला।

स्वामी रामदेव जी से प्रशिक्षण पाकर प्राणायाम की गहराई तक पहुंचे। ब्रह्माकुमारीज़ में तो स्वयं के परिचय के साथ परमात्मा ही प्राप्त हो गए। अब इस यात्रा में बढ़ते रहना है।

इन सबके पीछे हमारे जीवन की प्रथम गुरु हमारी माँ होती है व पिता का साथ होता है। वे जिस दिशा में हमें ले जाते हैं हम वहीं चले जाते हैं और उन्नति को प्राप्त करते हैं।

दीदी ने हमें आगे बढ़ने का मंत्र दिया – मर-मर, झुक-झुक व सिक – सिक
ब्रह्मा कुमारी गायत्री बहन ने सभी बहनों व ईश्वरीय परिवार की ओर से मंजू दीदी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उन्होंने हम बहनों व भाइयों की कितने प्यार व शिक्षाओं से परवरिश की है। हम अलग अलग स्थानों से विभिन्न संस्कारों को लेकर आते हैं लेकिन हमें झुकने, सहन करने व आगे बढ़ते रहने की सीख देकर एकसूत्र में बांधकर रखा।

दीदी ने कछुए के समान दूरगामी उद्देश्य (LONG-TERM GOAL) पर चलते रहने व उत्तरोत्तर उन्नति के लिए हमें प्रोत्साहित किया। खरगोश के समान जल्दी ही ख्याति प्राप्त करने (Short term goal) की कोशिश में हम किसी की ग्लानि, अपमान, आलोचना, निंदा, उपहास न करें। ये हमें सफलता से दूर कर असंतुष्टता व पश्चाताप से भर देगी।

दीदी ने हमें गलतियों पर निराशा उदासी से मुक्त करने के लिए समझानी देकर आगे बढ़ते रहने के लिए सदा ही प्रेरित किया। अपनी सभी कलाओं को हमें भी सीखाने के लिए आज तक भी प्रयासरत हैं।

सभी ने गुरुओं के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये व भोग स्वीकार किया। राष्ट्रपति से मुलाकात के पश्चात बिलासपुर आगमन पर व गुरुपूर्णिमा के अवसर पर भाइयों व बहनों ने मंजू दीदी को शुभकामनायें दी व आशीर्वाद प्राप्त किया।