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राष्ट्रीय किसान दिवस पर ब्रह्माकुमारीज़ बलौदा में किसान सम्मान समारोह आयोजित

सादर प्रकाशनार्थ
प्रेस विज्ञप्ति
श्रेष्ठ संस्कारों की खेती का भी बीज बोएं किसान – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी
राष्ट्रीय किसान दिवस पर ब्रह्माकुमारीज़ बलौदा में किसान सम्मान समारोह आयोजित
किसानों के आर्थिक, सामाजिक व मानसिक सशक्तिकरण से सर्वांगीण विकास करना कार्यक्रम का मुख्य उद्देष्य
परम्परागत खेती शाष्वत यौगिक खेती को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया…
ब्रह्माकुमारी बहनों ने अंगवस्त्र पहनाकर व श्रीफल देकर किया किसानों का सम्मान
कार्यक्रम के पश्चात् सभी को ब्रह्माभोजन स्वीकार कराया गया
बलौदा क्षेत्र के लगभग 29 गांवों से 127 किसान हुए शामिल
किसानों के साथ सरपंच, उप सरपंच, जनपद सदस्य, कृषक मित्र, कृषि विस्तार अधिकारी भी उपस्थित हुए
बलौदा :- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईष्वरीय विष्व विद्यालय के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग द्वारा बलौदा में किसान सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। 23 दिसम्बर राष्ट्रीय किसान दिवस को संस्था द्वारा पूरे भारत में किसान सम्मान दिवस के रूप में मनाया गया। भारत की परम्परागत खेती शाष्वत यौगिक खेती को व्यापक रूप से अपनाने की प्रेरणा देना, किसानों का आर्थिक, सामाजिक व मानसिक सशक्तिकरण करना, उन्हें श्रेष्ठ संस्कार देकर स्वच्छ, स्वस्थ व व्यसनमुक्त गांव से स्वर्णिम भारत की स्थापना के उद्देष्य से कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर बिलासपुर से पधारीं ब्रह्मा कुमारी मंजू दीदी जी ने सभी किसान भाइयों को अन्नदाता के रूप में संबोधित करते हुए बहुत अपनेपन के भाव से कहा कि जिस प्रकार अच्छी खेती के लिए अच्छा बीज जरूरी है उसी प्रकार श्रेष्ठ संस्कारों की खेती जमा करने का समय अभी है। स्वयं परमात्मा जो पूरी दुनिया का सबसे बड़ा किसान है, बागवान है, माली है उन्होंने वर्तमान में समय रूपी मिट्टी को संस्कारों का बीज बोने के लिए उपजाऊ बनाया है। जिसमें हम अपने संस्कारों को अच्छा बनाने के लिए बीज बो सकते हैं और संस्कारवान बन सकते हैं। श्रेष्ठ संस्कारों की पूंजी ही हमारी असली पूंजी है जो हमारे साथ जन्म जन्मांतर जाती है। जिस प्रकार हरियाली देखकर सभी को खुषी होती है उसी प्रकार हमें संस्कारित देखकर हमारे पिता परमात्मा को बहुत खुशी होती है।
दीदी ने कहानी के माध्यम से व्यसनमुक्ति की प्रेरणा देते हुए कहा कि नषे से केवल और केवल नुकसान है शरीर भी खराब होता है, धन की भी बरबादी होती है, घर के बच्चों के संस्कार भी बिगड़ते हैं और हमारे संबंध भी खराब होते हैं। एक आध्यात्मिक नषे में ही लाभ ही लाभ है इसके अतिरिक्त सभी नषों में नुकसान ही नुकसान है।
दीदी ने बतलाया कि कार्यक्रम में लगभग 29 गांवों के 127 किसानों के साथ-साथ कुछ संख्या में कृषि विकास अधिकारी, जनपद सदस्य, सरपंच, उपसरपंच व शिक्षक उपस्थित हुए। कार्यक्रम में आए हुए जनपद सदस्य भ्राता मंगताराम जांगड़े, कृषि विकास अधिकारी भ्राता ए.डी.दीवान जी, ढ़ोरला के मुख्य किसान भ्राता रूद्र प्रताप सिंह जी एवं सरपंच बबीता साहू ने कार्यक्रम के प्रति अपने मन के भावों को प्रकट किया। तखतपुर से पधारे राकेष गुप्ता ने शुभ संकल्प पत्र पढ़कर सभी से स्वस्थ, स्वच्छ, सषक्त, व्यसनमुक्त एवं स्वर्णिम भारत के निर्माण के लिए संकल्प कराया। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी शषी बहन ने किया।
कार्यक्रम के अंत में मंजू दीदीजी व सभी बहनों ने आए हुए किसान भाईयों व बहनों को अंगवस्त्र पहनाकर व श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। तत्पष्चात् सभी को ब्रह्मा भोजन स्वीकार कराया गया।