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ग्राम अकलतरी में एक दिवसीय योग साधना का आयोजन*

सादर प्रकाशनार्थ
प्रेस विज्ञप्ति
*मन में शुभभावना व दुआएं देने का अभ्यास नेचुरल बनाएं – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी*

 *व्यर्थ बातों में जाना अर्थात् पहाड़ी से टकराना*

 *ब्रह्माकुमारीज़ बलौदा द्वारा ग्राम अकलतरी में एक दिवसीय योग साधना का आयोजन*

 *दीदी ने सभी को बालक सो मालिक का स्वमान दिया व 21 दिवसीय साधना के लिए प्रेरणाएं दी*

 *भाई बहनों ने स्वमान पर आधारित ईष्वरीय शक्ति के साथ के अनुभव सुनाए*

 *अकलतरी, मधुवा व पोंड़ी-दल्हा के साधक हुए शामिल*

 

बलौदा :- परमात्मा की निरंतर याद के लिए हमारा मन व बुद्धि एक विमान की तरह कार्य करते हैं जो आत्मा को परमात्मा से मिलन मनाने अर्थात् योग लगाने में मदद करते हैं। इसके लिए हमें व्यर्थ विचारों व व्यर्थ बातों से मुक्त होना आवश्यक है। क्योंकि व्यर्थ विचार एक पहाड़ी की तरह है जो मन व बुद्धि के मार्ग में अवरोध उत्पन्न करते हैं और हमारी एकाग्रता भंग हो जाती है। परिवार में, कार्यक्षेत्र में या संगठन में एक-दूसरे के संस्कारों को समझना कई बार मुष्किल लगता है। लेकिन यदि दिल में हर एक के प्रति दुआएं व शुभकामनाएं हों तो 4 क्या, 40 का भी संगठन हो, तो भी साथ चल सकते हैं। स्वयं में, परमात्मा में व इस सृष्टि रूपी नाटक में यदि निश्चय हो तो कोई भी कार्य मुष्किल नहीं है। निश्चयबुद्धि की विजय न हो – ये हो नहीं सकता।

उक्त बातें तपस्या माह के अंतर्गत ग्राम अकलतरी में आयोजित एक दिवसीय योग-साधना में साधकों को संबोधित करते हुए ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने कही। आपने परमात्म महावाक्य सुनाते हुए कहा कि उमंग-उत्साह और सदा चढ़ती कला वालों की यही विशेषता होगी कि वे मन, वाणी और कर्म की सेवा में नयापन लाएंगे। संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति को आत्मिक स्नेह की दृष्टि से देखते हुए शुभभावना व शुभकामना के शुद्ध वाइब्रेषन रखेंगे। सर्व के प्रति दुआएं स्वतः निकलती रहे तो स्वयं का भी स्वतः कल्याण हो जायेगा। केवल ज्ञान सुनाना ही नहीं अपितु ज्ञान के साथ मन के भाव भी अच्छे हों। क्योंकि ज्ञान सुनाने के लिए तो दुनिया में बहुत से लोग हैं। लेकिन अंदर से प्यार का भाव और साफ दिल के साथ समझाने वाले बहुत कम मिलते हैं।

दीदी ने सभी भाई-बहनों को मेडिटेशन कॉमेन्ट्री के माध्यम से गहन शान्ति व परमात्म मिलन की अनुभूति कराई। बालक सो मालिक पन का स्वमान देने के पश्चात् अनुभव सत्र रखा गया जिसमें मधुवा के लक्ष्मणदादा, पोड़ी-दल्हा की उमा बहन, अकलतरी से कृषि विस्तार अधिकारी सुरेश साहू व कु. कविता ने अपने आध्यात्मिक जीवन में परमात्म मदद के अनुभव भी सुनाए। सभी को तिलक लगाकर व दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरूआत हुई। ज्ञानमुरली व योगाभ्यास के पश्चात दीदी ने सभी को 21 दिवसीय योग-साधना के लिए प्रेरित किया व मनन-चिंतन से स्व-उन्नति के लिए प्रष्न दिए। अंत में सभी को प्रसाद वितरित किया गया। सभी भाई-बहनों ने समय प्रति समय इस तरह का आयोजन रखने के लिए दीदी जी से अनुरोध किया।

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