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आध्यात्मिकता को अपनाने से जीवन में सच्चाई और ईमानदारी का गुण आया

सादर प्रकाशनार्थ
प्रेस विज्ञप्ति
आध्यात्मिकता को अपनाने से जीवन में सच्चाई और ईमानदारी का गुण आया
आत्मज्ञान की प्राप्ति से नकारात्मक विचार रूके और सत्कर्म करने की प्रेरणा मिली
ब्रह्ममुहूर्त में परमात्मा को याद करके अच्छे कार्यां के लिए लिया गया संकल्प अवष्य पूर्ण होता है
21 दिवसीय योग साधना में अनुभव सत्र में साधकों ने साझा किए अपने अनुभव
बलौदा :- 21 दिवसीय योग साधना – ‘जीना है पिताश्री ब्रह्माबाबा जैसा’ के तीसरे दिन बालक सो मालिक के स्वमान से संबंधित अनुभव सत्र का आयोजन किया गया। जिसमें सेवाकेन्द्र प्रमुख ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी व अन्य साधकों ने अपने जीवन में आध्यात्मिकता से हुई प्राप्तियों को सभी के सामने व्यक्त किया।
पिछले तीन माह से राजयोग मेडिटेशन व पॉज़ीटिव थिंकिंग की क्लास कर रहे स्कूली शिक्षक ज्वाला प्रसाद बंजारे ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान मन के नकारात्मक विचार बंद हो रहे, सत्कर्म करने की प्रेरणा मिल रही और परिवार की समस्याएं भी दूर हो रही हैं।
इसी तरह पिछले पांच महीने से सत्संग से जुड़े सोने चांदी के व्यवसायी मनोज कुमार सोनी ने अपने अनुभवों में कहा कि पहले के जीवन में सहयोग की भावना तो थी लेकिन ईमानदारी का गुण थोड़ा कम था। सत्संग का यह प्रभाव रहा कि सोच में सकारात्मकता आई, बहुत खुश रहने लगा, जीवन में सच्चाई और ईमानदारी से चलने का हिम्मत मिला, सच बोलने का साहस बढ़ा साथ ही घर में भी शांति का बनने लगा। पांच वर्षों से ज्ञान लाभ ले रहे योगेष गुप्ता ने कहा कि जब हम ब्रह्ममुहूर्त में उठकर परमात्मा की याद में बैठते हैं और किसी अच्छे कार्य के लिए संकल्प करते हैं तो वह अवष्य पूरा होता है।
दीदी ने बतलाया कि यह परमात्मा की श्रीमत में निष्चयबुद्धि बनने का सप्ताह चल रहा है। हर सप्ताह दो स्वमान दिए जाएंगे इस सप्ताह का पहला स्वमान था कि ‘मैं बालक सो मालिक आत्मा हूं’ और कल से दूसरा सप्ताह शरू होने वाला है जिसके लिए स्वमान रहेगा कि ‘मैं दैवीय कुल की आत्मा हूं-