brahmakumaris Tikrapara
जानबूझकर किये पापकर्म की बहुत कड़ी सजा भुगतनी होती है: बीके गायत्री

*जानबूझकर किये पापकर्म की बहुत कड़ी सजा भुगतनी होती है: बीके गायत्री*
*परमात्मा माताओं को आगे बढाते है इस पर सभी को खुशी-खुशी सहयोग देना चाहिए*
बिलासपुरः शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे परमात्म महावाक्य पर चर्चा करते गायत्री बहन ने कहा कि मनुष्य धनसंपदा को माया समझते है जबकि परमात्मा ने विकारों को माया कहा है। सही गलत की परख होते भी जो पाप कर्मो मे लिप्त रहते है उन्हें अनजाने मे हुए पाप कर्मो की अपेक्षा कड़ी सजा भुगतनी होती है। कई बार बडे त्याग करने के बाद भी सूक्ष्म रूप मे माया भटका देती है जैसे सीता महलों का वैभव तो त्याग दी पर स्वर्ण मृग पर आसक्त हो गई।
दीदी ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था मे महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां माताये बहने सम्भाल रही है और विश्व प्रसिद्ध संस्था बन गई है तो भाईयों को खुशी-खुशी सहयोग देना चाहिए, क्योंकि सदियों से जिसे अबला समझा, उन्ही को परमात्मा ने विश्व परिवर्तन की जिम्मेदारी सौपी।
दीदी ने कहा कि ईश्वर से प्राप्त विशेषताओ को गलत उद्देश्य की पूर्ति मे नष्ट करते है वही आज के भस्मासुर है। उन्होंने कहा कि परमात्मा उनकी मदद करते है जो असफलता में भी सिद्धांतों को नही छोड़ते। शक्तिशाली वही है जो असफलता मे अपनी कमी को परख दूर कर एक दिन सफलता प्राप्त कर लेते है। कमजोर मन वाले व्यक्ति असफलता का दोष परिस्थितियों या दूसरों पर मढते है ।