brahmakumaris Tikrapara
गीता ज्ञान मनोरोग को जड़ से समाप्त करता है: ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

*गीता ज्ञान मनोरोग को जड़ से समाप्त करता है: ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी*
बलोदा: ब्रह्माकुमारी सेवाकेन्द्र बलोदा मे जीवन का आधार: भगवत् गीता सार का एक दिवसीय सत्संग ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी के सानिध्य में हुआ। दीदी ने कहा कि कोरोना काल मे भगवत् गीता को गहराई से समझने का सुअवसर मिला और तब से इसे जन जन तक पहुँचाने की इच्छा बनी हुई थी। कुछ स्थानों में लगभग एक माह तक गीता के अठारह अध्याय पर चिंतन चला जिसका लाभ सैकडों जिज्ञासुओ ने लिया और कई अब नियमित सच्ची गीता (ज्ञान मुरली) का रसपान कर रहे है।
दीदी ने कहा कि बलोदा मे बडे स्तर पर इसे करने की आवश्यकता है। दीदी ने भगवत् गीता को मनोयुद्ध का शास्त्र बताते हुए कहा कि इसमे कमजोरियों से लडने व परमात्मा से योग लगाने की विधि बतायी है। कोई भी अध्याय ऐसा नही है जिसमे आत्मा या आत्मिक स्वरूप की चर्चा न हुई हो। भगवत् गीता बीमारी को जड़ से समाप्त करती है, निरोग नागरिकों का उदय करती है, जीवन जीने की कला सिखाती है। इसका लाभ लेने के लिये ज्ञान को जीवन मे धारण करने की आवश्यकता है। धारणा का प्रभाव ज्यादा पडता है।