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brahmakumaris Tikrapara

माउंट आबू संगम युग का स्वर्ग है- ब्र. कु.शशिप्रभा

प्रेस विज्ञप्ति

सादर प्रकाशनार्थ:

*खुशी हर पल एडवांस शिविर का नौवां दिन*

*माउंट आबू संगम युग का स्वर्ग है- ब्र. कु.शशिप्रभा l*

*प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय स्वयं परमात्मा के द्वारा संचालित संस्थान हैl*

*1969 के पश्चात सेवा की गतिविधियां और हो गई तीव्र l*

*ब्रह्माकुमारी संस्थान में हजारों बाल ब्रह्मचारीयों ने किया अपना जीवन भोलेनाथ को समर्पित l*

*यज्ञ वत्सों को 14 वर्ष तक तपस्या कराकर बनाया शक्तिशाली l*

*सन 1950 में परमात्मा शिव का आदेश मिला यह संस्थान पूरे विश्व के लिए आधार स्तंभ बनेगा l*

*श्रावण मास में ईश्वरीय प्रांगण में शिवलिंग की पूजा, आरती कर साधकों नें भावना व्यक्त कीl*

बिलासपुर :-टिकरापारा,ब्रह्माकुमारीज, प्रभु दर्शन भवन के हर्मनी हॉल में चल रहे राजयोग अनुभूति शिविर खुशी हर पल का नौवां दिन एडवांस कोर्स में टिकरापारा सेवा केंद्र संचालिका मंजू दीदी के सानिध्य में चल रहे शिविर को संबोधित करते हुए राजयोग शिक्षिका ब्रम्हाकुमारी शशिप्रभा ने कहा कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय स्वयं परमात्मा के द्वारा संचालित संस्थान हैl सन 1936 में संस्था की स्थापना के पश्चात गहरे ज्ञान योग की शिक्षा शिव महाज्योति का ब्रह्मा तन में अवतरण द्वारा दिया गया l यज्ञ स्थापना के आदि में यज्ञ वत्सों को 14 वर्ष तक तपस्या कराकर परमात्मा ने शक्तिशाली बनाया तत्पश्चात

सन 1950 में परमात्मा शिव का प्रजापिता ब्रह्मा को आदेश मिला कि यह संस्थान पूरे विश्व के लिए आधार स्तंभ बनेगा अतः इसे भारत के आध्यात्मिक स्थल अरावली पर्वत पर स्थापित करो l इसके पश्चात

संस्थान माउंट आबू स्थानांतरित हुआlआबू पर्वत इस संगम युग का स्वर्ग है जो साधक वहां पर जाते हैं उन्हें स्वर्ग की अनुभूति होती है,अत्यंत आनंद,सुकून, शांति का अनुभव होता है क्योंकि यह परमात्मा का अवतरण भूमि है और पिता श्री ब्रह्माबाबा की तपोभूमि है l

सन 1969, 18 जनवरी के दिन ब्रह्मा बाबा ने अपना पुराना देह त्याग कर अव्यक्त स्वरूप को धारण कियाl इसके पश्चात सेवा की गतिविधियां और तीव्र हो गई, क्योंकि बाबा फरिश्ते स्वरूप में हैं,अनेक आत्माओं को शक्ति दे रहे हैं आकर्षित कर रहे हैं इन अनुभवों के अनेक प्रमाण हजारों विदेशी भाई बहनों के हैं l

ब्रह्माकुमारी शशिप्रभा ने आगे कहा कि स्वामी विवेकानंद कहा करते थे कि यदि मुझे 100 बाल ब्रह्मचारी मिल जाए तो मैं भारत की दिशा और दशा बदल दूंगा,वर्तमान समय यह बहुत अद्भुत बात है कि परमपिता परमात्मा शिव के द्वारा जो ज्ञान यज्ञ रचा गया है,इसमें हजारों बाल ब्रह्मचारी युवा भाई बहनों ने अपना जीवन भोलेनाथ को समर्पित किया है और घर गृहस्थ में रहने वाले लाखों भाई बहनों ने भी परमात्मा प्रदप्त शिक्षा को जीवन में धारण करते हुए अपने जीवन को कमल पुष्प सामान बना करके समाज,देश व विश्व के कल्याण हेतु सकारात्मक कार्य कर रहे हैं l अपने सकारात्मक व शुद्ध संकल्पों से विश्व को शांति और शक्ति का दान दे रहे हैं l

 

अंत में सभी ब्रह्माकुमारी बहनों और साधकों ने श्रावण मास में ईश्वरीय प्रांगण में स्थापित शिवलिंग की पूजा, आरती कर अपनी भावना व्यक्त कीl