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लौकिक संबंधो मे कडवाहट योग मे खुशी का अनुभव होने नही देता, परमात्मा से संबंध जोड़ याद करे: बीके मंजू

*लौकिक संबंधो मे कडवाहट योग मे खुशी का अनुभव होने नही देता, परमात्मा से संबंध जोड़ याद करे: बीके मंजू*
*ब्रह्मा के विभिन्न रूपों का रहस्य बताया एडवांस कोर्स के दुसरे दिन*
बिलासपुर: शिव अनुराग भवन राजकिशोर नगर मे परमात्मा को मा के संबंध से याद कर एडवांस कोर्स के दुसरे दिन की शुरूआत हुई। मंजू दीदी ने कहा कि अगर लौकिक संबंध जैसे माता-पिता, सास- ससुर से, जीवनसाथी से, बॉस या सहकर्मी से संबंध मे कडवाहट है तो परमात्मा की याद टिक नही सकती। जिस संबंध मे कमी का अनुभव होता है वही संबंध परमात्मा से जोड़ याद करने से उस संबंध से भरपूर प्राप्ति का अनुभव होता है। जिनकी माँ आगे की यात्रा मे चले गये है उन्हे माँ के प्यार का खालीपन खींचता है। परमात्मा से माँ का संबंध जोड़ याद करने से तृप्ति का अनुभव होता है।
आगे कहा कि पुराणों मे ब्रह्मा के तीन, चार एवं पांच शीश का वर्णन है। वास्तविक में यह वर्णन प्रतीकात्मक है। ब्रह्मा बाबा के द्वारा परमात्मा ने तीन काल एवं तीन लोक का ज्ञान दिया जिसे तीन शीश से प्रदर्शित किया गया। ब्रह्मा बाबा ने चारो दिशाओ मे परमात्मा के ज्ञान का प्रसार किया और चार युगों के अलावा इस संगमयुग अर्थात् पांचवे युग का ज्ञान परमात्मा ने दिया जिसे चार एवं पांच मुखों के प्रतीक स्वरूप दिखाया गया है।
दीदी ने कहा कि सभी लौकिक संबंध बहुत प्यार से निभाना है पूर्व जन्मों का हिसाब समाप्त होते ही परिवर्तन दिखाई देने लगता है। अगले सत्र में भगवान से मित्रता का संबंध कैसे बनाया व निभाया जाये इसकी अनुभूति कराई जाएगी