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Brahma Kumaris Raj Kishore Nagar

NOV-I 2024 NEWS

प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास

नारायणी नशा और सात्विक भोजन संपूर्ण स्वास्थ्य का आधार बीके मंजू

बिलासपुरः प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास चल रही है।
बीके मंजू ने कहा कि अन्न का मन पर प्रभाव अवश्य पड़ता है। आजकल बीमारियों का मुख्य कारण अनियमित दिनचर्या और अशुद्ध खानपान है। स्वस्थ मन के लिये सकारात्मक विचारों का भोजन आवश्यक है। मन कमजोर होने पर हो लोग व्यसन के गुलाम बन जाते है। ब्रह्माकुमारी सेवाकेन्द्रो मे प्रतिदिन परमात्मा के महावाक्य से सभी प्रकार की प्राप्ति हो जाती है। नारायणी नशा अन्य विनाशी नशे को हावी होने नही देता है इसलिये अन्य नशे की आदते सहज छूट जाती है। शुद्ध सात्विक भोजन स्वादिष्ट होने के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी दुरुस्त रखता है।

आगे कहा कि इस समय जो भी घटनायें घट रही है सभी मे कुछ न कुछ कल्याण छिपा हुआ है। इसलिये जो हुआ अच्छा हुआ, जो हो रहा है वह भी अच्छा और जो होगा वह बहुत अच्छा होगा यह निश्चय हमे सभी चिन्ताओ से मुक्त कर देती है।

 

प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास

छठे महातत्व से प्राप्ति का यादगार है छठ महापर्व, सभी की मनोकामना पूर्ण करने वाली है: बीके मंजू

बिलासपुरः प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा मे परमात्मा को सतगुरु वार का भोग स्वीकार कराया गया।
छठ महापर्व के आध्यात्मिक रहस्य पर चर्चा करते बीके मंजू ने कहा कि बहुत श्रद्धा भाव एवं पवित्रता से मनायी जाने वाली चार दिनो का छठ महापर्व सर्व मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली है। पाच तत्वों का श्रद्धा भाव से आभार व्यक्त करते छठे महातत्व परमात्मा से वरदान मे प्राप्त पवित्रता की धारणा ही सर्व प्राप्ति संपन्न कराने वाली है। छठी मैया परमात्मा के प्रतीक सूर्य की बहन है। परमात्मा हमे भाई के संबंध से सुख की अनुभूति कराते है। परमात्मा से सभी प्राप्तिया हम वर्तमान संगमयुग मे कर सकते है इसके लिये दृढतापूर्वक परमात्मा के बताये मार्ग को जीवन मे धारण कर पूरे विश्व का कल्याण कर सकते है।

आगे कहा कि एक परमात्मा के श्रीमत को आधार बनाने के बजाय दुनियावी व्यर्थ संकल्पों को आधार बनाने से हमारे भीतर के कमजोर संकल्पो को बल मिलता है। दुसरे भी तो गल्तियां कर रहे है, सब चलता है यह बाते परमात्मा के स्नेह से वंचित कर देता है। परमात्मा के श्रीमत पर संपूर्ण निश्चय, परमात्मा के स्नेह के आधार पर अवश्य सफलता दिलाती है।

अंत मे सभी ने परमात्मा की याद मे भोग ग्रहण किया।

 

शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास

देह अहंकार के कारण सेवा मे सफलता नही मिलती: बीके गायत्री

बिलासपुरः शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास चल रही है।
बीके गायत्री ने कहा कि आत्म अभिमानी होकर बहुत ही नम्रतापूर्वक परमात्मा के ज्ञान को समझाना चाहिए। अगर देहभान है तो वाणी मे ताकत नही रहती। अलग-अलग व्यक्ति एक ही ज्ञान देते है पर किसी की बाते दिल की गहराई मे उतर जाती है, किसी का सुना अनसुना रह जाता है।ज्ञान परमात्मा के द्वारा दिया गया है, समझाने वाले तो निमित्त मात्र है। परमात्मा कहते है देह अहंकार छोड़ आत्मा भाई भाई समझकर समझाने से झट तीर लगता है।

आगे कहा कि हमसे कई जन्म जन्मान्तर पापकर्म होते आये है। पूर्व जन्मों के पापकर्म तो हमे याद नही रहते पर इस जन्म मे किये पाप याद रहते है। अगर सच्चे दिल से परमात्मा को पापकर्मो को बता दे और भविष्य मे न दुहराने की दृढ़ता हो तो पापो के बोझ से मुक्त होने परमात्मा की मदद मिलती है और हम हल्के हो जाते है। अगर देह अहंकार है तो परमात्मा को सच बताने मे लज्जा आती है। बाद मे ये विकर्म अंदर ही अंदर खाता रहेगा।

 

शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास

परमात्मा पतित दुनिया मे, पतित शरीर मे प्रवेश कर पतितों को पावन बनाते है: बीके रूपा

बिलासपुरः शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास चल रही है।
बीके रूपा ने कहा कि ऐसा नही है कि परमात्मा पवित्र दुनिया मे या पवित्र शरीर मे आते है। परमात्मा को पतित पावन इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे अतिधर्मग्लानि के समय पतित दुनिया मे आकर पांचो तत्वों सहित सभी आत्माओं को पावन पवित्र बनाते है। चूंकि पतित दुनिया मे कोई पवित्र मनुष्य होता नही इसलिए उन्हें पतित शरीर का आधार लेना पड़ता है। परमात्मा को पाने के लिये पवित्र होना आवश्यक नही है। परमात्मा पतित आत्माओं से ही मिलते है पर परमात्मा से योग लगाकर स्वयं को पवित्र बनाना यही सर्वश्रेष्ठ भाग्य है।

आगे कहा कि हम परमात्मा की संतान है इसलिये विजय हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है यह स्मृति सदा बुद्धि मे रख कर्म करे तो सफलता निश्चित है।

 

 

प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा मे आंवला नवमी के आध्यात्मिक रहस्य पर चर्चा

प्रकृति के प्रति आभार का यादगार पर्व है आंवला नवमी

बिलासपुरः शिवजी को बेल पत्र प्रिय है और विष्णुजी को तुलसी, लेकिन लक्ष्मी जी को इन दोनों के गुणों से भरपूर आंवला प्रिय है। प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा मे आंवला नवमी के आध्यात्मिक रहस्य पर चर्चा करते बीके मंजू ने यह बाते कही। आगे कहा कि विज्ञान भी स्वीकार करता है कि पेड पौधे हमारे संकल्पों को ग्रहण करते है। जो हम प्रकृति को देते है उसे प्रकृति अवश्य लौटाती है। श्रेष्ठ संकल्पों का दान ही सबसे श्रेष्ठ दान है। आंवले मे प्रचुर मात्रा मे विटामिन सी होता है जो प्रसंस्करण के बाद भी नष्ट नही होता इसलिए किसी भी रूप मे आंवले का सेवन स्वास्थ्य को लाभ अवश्य देता है।

मंजू दीदी ने स्पष्ट किया कि परमात्मा से प्राप्ति का आधार निश्चय है। हर कार्य मे परमात्मा के साथ का निश्चय कार्य मे सफलता अवश्य दिलाता है। अगर सफलता मे कमी है तो इसका कारण निश्चय मे कमी हो सकता है। इस संगमयुग मे ही परमात्मा के साथ का अनुभव होता है इसलिये इस समय को पहचान व्यर्थ के टकराहट मे समय नष्ट नही करना चाहिए।

 

शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास

ध्यान से योग बिलकुल अलग है, योग है अनुभूति: बीके गायत्री

बिलासपुरः शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास चल रही है।
बीके गायत्री ने कहा कि ध्यान या साक्षात्कार मे आवश्यक नही कि परमात्मा से यथार्थ कनेक्शन जुड़ जाये। आत्मा का परमात्मा से योग ही यथार्थ योग है, इस अवस्था मे ही अतीन्द्रिय सुख का अनुभव होता है और पुराने विकर्म भस्म होते है। ध्यान या साक्षात्कार से अल्पकाल के लिये शांति या खुशी की अनुभूति हो सकती है।

आगे कहा कि सभी मनुष्य आत्माये परमात्मा की संतान है। अपने चलन से दुसरो के लिये आदर्श बनना है। सदा यह ध्यान रहे कि जैसा कर्म हम करेंगे हमे देखकर और करेंगे। समस्याये तो जीवन मे आयेंगी ही पर रमात्मा पर एक बल एक भरोसे के आधार पर सफलता मिलती रहती है।

 

प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा मे तुलसी विवाह के आध्यात्मिक रहस्य पर चर्चा

तुलसी विवाह मे चढाये जाने वाले फल गुणों से भरपूर होते है: बीके मंजू

बिलासपुरः प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा मे तुलसी विवाह के आध्यात्मिक रहस्य बीके मंजू द्वारा उद्बोधन दिया गया। उन्होंने कहा कि देवी देवताओं के नाम गुणवाचक है। औषधिय गुणो से भरपूर दस प्रकार के तुलसी प्रकृति का अनमोल उपहार है। तुलसी विवाह के अवसर पर चढाये जाने वाले भोग जैसे सिंघाड़ा, बेर, मूंगफल्ली,आंवला, चनाभाजी, शकरकंद, सीताफल इत्यादि सहित मंडप के रूप मे गन्ना भी रूचिकर होने साथ मिनरल- विटामिन से भरपूर होते है और श्रद्धा पूर्वक इनका सेवन प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक अवसर है। आज के समय हमारा खानपान प्राकृतिक न होकर सिर्फ स्वाद के वसीभूत हो गया है इसलिये मिनरल विटामिन की पूर्ति के लिये दवाओं पर आश्रित हो गये है।सात्विक प्राकृतिक भोजन की ओर लौटना ही श्रेष्ठ समाधान है।

परमात्मा के महावाक्य पर चिन्तन करते बीके रूपा ने कहा कि ईश्वर अर्थ दान की हुई चीज़ को वापस लेना या लेने का संकल्प भी अपने श्रेष्ठ भाग्य पर कुल्हाडी मारने जैसा है। परमात्मा को पिता, शिक्षक, सतगुरु के तोनो रूप मे निरंतर याद करने से हम कृष्णपुरी या स्वर्ग मे जन्म लेने का भाग्य बना सकते है।

 

शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास

संगमयुग पर श्रेष्ठ प्राप्ति का अनुभव है प्रत्यक्ष फल: बीके गायत्री

बिलासपुरः शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास चल रही है।
बीके गायत्री ने कहा कि परमात्मा एक है जिसे अल्लाह, गाड इत्यादि अनेक नामो से याद करते है। मनुष्य आत्माएं अनेक है। सभी मनुष्य आत्माएं एक पिता की संतान होने के ने भाई भाई है। इस रहस्य को न समझने के कारण मनुष्य अनेक धर्म, मठ, पंथ मे बट गये है।

आगे कहा कि भारत जो सतयुग मे अथाह सुखों से भरपूर था अब वैसा नही है। पुनः भारत को स्वर्ग बनाने परमात्मा इस छोटे से संगमयुग मे आते है। परमात्मा के समीपता का अनुभव ही श्रेष्ठ फल है। अतीन्द्रिय सुख की अनुभूति प्रत्यक्ष फल के रूप मे अभी कर सकते है।