Brahma Kumaris Raj Kishore Nagar
Nov – II News 2024

प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा मे सतगुरु वार का भोग परमात्मा को स्वीकार कराया गया
प्रभु याद की छत्रछाया सर्व विघ्नों मे विजयी बनाता है: बीके मंजू
बिलासपुरः प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा मे सतगुरु वार का भोग परमात्मा को स्वीकार कराया गया।
बीके मंजू ने कहा कि मनुष्य विनाशी चीजो का इन्श्योरेन्स कराते है ताकि भरपाई हो सके। परमात्मा, आत्माओं को इन्श्योर करते है कि आत्मा का कभी विनाश नही हो सकता। लेकिन आत्मा पांच विकारों के वश हो पावन से पतित बनती है। अब परमात्मा पतित आत्माओं को पावन बनाने की गुप्त सेवा कर रहे है। परमात्मा की यथार्थ रीति याद से ही आत्मा पावन बनती है। इसमे माया विघ्न डालती है। अगर मन बुद्धि सदा परमात्मा की याद की छत्रछाया मे रहे तो सहज रूप मे विघ्नों पर विजय प्राप्त कर सकते है।
आगे कहा कि सामाजिक/पारिवारिक बंधन के कारण पवित्रता को धारण करते पवित्र वैवाहिक सूत्र मे बंधना गंधर्व विवाह कहलाता है। ब्रह्माकुमारिज मे कई युगल है जो विवाह करके भी पवितता को खंठित किये बिना संपूर्ण जीवन ईश्वरीय कार्य मे अर्पित कर दिये। बीके मंजू ने कहा कि दीपावली और देवउठनी एकादशी मे छत्तीसगढ मे शिव पार्वती विवाह धूमधाम से मनाया जाता है। यह गौरी गौरा विवाह हम आत्मा रूपी पार्वती का शिव परमात्मा से विवाह का यादगार है।
अंत मे सभी ने परमात्मा की याद मे भोग ग्रहण किया।
शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास
धर्मपिताओ ने एक परमात्मा की महिमा की है, धर्मशास्त्र बाद मे बनते है: बीके रूपा
बिलासपुरः शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे गुरूनानक जयंती के अवसर पर धर्मपिता गुरूनानक के कर्तव्यों को याद किया गया। सभी को गुरुनानक जयंती की बधाई देते हुए बीके रूपा ने कहा कि आज से लगभग छः सौ वर्ष पहले गुरूनानक के रूप मे पवित्र आत्मा ने जन्म लिया। उन्होंने पूरे विश्व को एक परमात्मा का परिचय दिया। बाद मे उनकी शिक्षाओ के आधार पर सिक्ख धर्म की स्थापना हुई।
आगे कहा कि सभी धर्मपिताओ ने सर्वोच्च शक्ति एक परमात्मा की ही महिमा की है। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी भी पूरे विश्व की मनुष्य आत्माओं को एक परमपिता की संतान होने के नाते एक परिवार का संदेश देने का कार्य कर रही है।
बीके रूपा ने स्पष्ट किया कि इस अंतिम जन्म मे जो भी जिम्मेदारी मिली है उसे सेवा समझकर श्रेष्ठ कर्म करते निभाना है। अगर सेवा नही समझते तो यही जिम्मेदारियां बोझ महसूस होती है। परमात्मा की श्रीमत हमे सदा हल्के और खुशी मे रहने का अनुभव कराती है।
अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास
आत्मिय शक्ति शारीरिक शक्ति से ज्यादा शक्तिशाली होता है: बीके गायत्री
बिलासपुरः शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास चल रही है ।
बीके गायत्री ने कहा कि आज साइंस की शक्ति के आगे पूरी दुनिया नतमस्तक है। बाहुबली समझते है कि जिनके पास अस्त्र शस्त्रों की शक्ति है वे सुरक्षित है साथ ही दुनिया पर राज्य कर सकते है। अब साइंस इतनी तरक्की कर चुका है कि चांद और मंगल पर जीवन की संभावना तलाश रहे है। लेकिन चांद तारों से पार मूल वतन साइंस की हद से परे है। साइंस के अविष्कार मनुष्य बुद्धि की ही उपज है।
आगे कहा कि आत्मिक शक्ति सूक्ष्म होते भी बहुत शक्तिशाली है। मन बुद्धि से परमधाम मे रहने वाले परमपिता परमात्मा से यहां बैठे भी एक सेकंड मे योग लगा सकते है।
बीके गायत्री ने स्पष्ट किया कि आने वाली सुख शांति की सतयुगी दुनिया की स्थापना का आधार साइलेन्स की शक्ति है। इसलिये साइलेन्स की शक्ति साइंस की शक्ति से ज्यादा शक्तिशाली है।
प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास
थकावट का कारण है मन का भारीपन और निशानी है चिंता: बीके मंजू
बिलासपुरः प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास चल रही है। बीके मंजू ने कहा कि अब सभी मनुष्य आत्माओं को वापस घर अर्थात परमधाम जाने का समय आ गया है।
परमधाम सिर्फ आत्मा जा समती है वह भी संपूर्ण पवित्र स्वच्छ बनकर। देह अभिमान तो दलदल है पर देहभान भी मिट्टी है। यह दोनों अवस्था मन को भारी कर देते है। भारी मन थका थका दिखाई देती है। शारीरिक श्रम के कारण शरीर का थकना अलग है पर मन का भारीपन अलग है।
आगे कहा कि सर्व आत्माओं मे शुभभावना का बीज डालना श्रेष्ठ दान है। बीज कभी न कभी फलीभूत अवश्य होता है, बस तत्काल फल की कामना मे अधीर नही होना है।
शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास
पूज्य वही बनते है जो सदा श्रेष्ठ कर्म करते है: बीके गायत्री
बिलासपुरः शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास चल रही है। बीके गायत्री ने कहा कि अपवित्रता के कारण आज विशेष भारत और पूरी दुनिया मे आदमशुमारी अनियंत्रित हो गई है। परिणाम अशांति, अराजकता, गरीबी से विश्व जूझ रहा है। परमात्मा हमे कौड़ी से हीरा बनाने आये है। आने वाली सतयुगी दुनिया मे भारत सुख शांति से भरपूर होगा। पूरे विश्व मे शांति की स्थापना एक परमात्मा ही कर सकते है।
आगे कहा कि पवित्रता पूज्य बनाती है। पूज्य वही बनते है जो सदा श्रेष्ठ कर्म करते है । लेकिन पवित्रता सिर्फ ब्रह्मचर्य नही। संकल्प मे भी किसी के प्रति नकारात्मकता न हो। सबके साथ अच्छा एक जैसा संबंध हो। मंशा- वाचा- कर्मणा किसी मे भी पवित्रता खण्डित न हो तब कहेंगे पूज्य आत्मा।
प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा मे निशुल्क हेल्थ चेकअप शिविर
परमात्मा का बनके भी पवित्रता की धारणा नही तो कड़े दंड के भागी बनेंगे: बीके मंजू
बिलासपुरः प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास चल रही है। बीके मंजू ने कहा कि पवित्रता परमात्मा का अनमोल वरदान है। अगर ईश्वरीय ज्ञान मार्ग को अपनाने के बाद भी दृष्टि वृत्ति पवित्र नही है तो कड़ा दंड भोगना पड़ेगा। इसके विपरीत अगर श्रीमत पर चलकर संपूर्ण पवित्रता को अपनाते है तो अथाह सुख का वर्सा परमात्मा से प्राप्त होता है। स्पष्ट है कि परमात्मा सिर्फ सुख का रास्ता बताते है। वह किसी को दुःख नही देते।
आगे कहा कि दुनिया समझती है प्राकृतिक आपदायें ईश्वर प्रदत्त है। परमात्मा कहते है संसार की सभी मनुष्य आत्माएं मेरे संतान है। मै अपने बच्चों को दुःख नही दे सकता।
मंजू दीदी ने स्पष्ट किया कि आने वाली सतयुगी दुनिया के पहले वर्तमान कलह क्लेश भरी कलयुगी दुनिया का परिवर्तन होना है। इस कल्प मे अंतिम जन्म होने के कारण जन्म जन्मान्तर के कर्मभोग इसी जन्म मे भोगना है। मनमनाभव अर्थात् आत्मस्वरूप मे स्थित हो मन को ईश्वर मे लगाने से जन्म जन्मान्तर के पाप भस्म हो जाते है और धर्मराज की सजा से बच सकते है।
मंजू दीदी ने बताया कि गुरूवार 21 नवम्बर को टिकरापारा सेवाकेन्द्र मे डाक्टर लव श्रीवास्तव के सौजन्य से निःशुल्क बीपी, शुगर, फिटनेस चेकअप शिविर रखा गया है। प्रातः सवा आठ बजे से सेवाकेन्द्र आकर सभी भाई बहने इसका लाभ ले सकते है।
प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा मे स्वास्थ्य चेकअप शिविर का आयोजन
परमात्मा अहंकारियो का कुछ भी स्वीकार नही करते: बीके मंजू
बिलासपुरः प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा मे डा. कुश श्रीवास्तव एवं डा. लव श्रीवास्तव द्वारा नि:शुल्क बीपी, शुगर, बी एम आई स्वास्थ्य चेक अप का आयोजन किया गया जिसका सभी भाई बहनों ने लाभ लिया।
बीके मंजू ने कहा कि परमात्मा निराकार है, उन्हें किसी स्थूल पदार्थों की आवश्यकता नही है। ईश्वर अर्थ जो दान करते है उससे हमारा ही भाग्य बनता है। अगर ईश्वर अर्थ दान देकर कोई संकल्प करे कि मैने किया है, यह भी अहंकार है। ऐसे अहंकार वश किये दान को परमात्मा स्वीकार नही करते। इसके विपरीत कोई गरीब श्रद्धाभाव वश थोड़ा भी सहयोग करते है वे जन्म जन्मान्तर साहूकार बनने का भाग्य प्राप्त करते है।
आगे कहा कि आज मनुष्य आत्माओं का मनोबल गिरा हुआ है। अनिश्चितता, भय के माहौल से उबरने सहारे की तलाश मे है। ऐसे मे मन को शक्तियों द्वारा कन्ट्रोल कर परमात्मा से शक्तिशाली प्रकंपन फैलाकर मजबूर को मजबूत बनाने की सेवा सर्वश्रेष्ठ सेवा है।
परमात्मा को सतगुरु वार का भोग स्वीकार कराया गया और सभी भाई बहनोंने भोग ग्रहण किया।
शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास
दृढ़ संकल्प बुरी वृत्तियों का परिवर्तन कर सकता है: बीके मंजू
बिलासपुरः शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास चल रही है। बीके मंजू ने कहा कि व्रत रखने का मुख्य उद्देश्य अपने अंदर के बुरी वृत्तियों का परिवर्तन करना होता है। लेकिन मात्र कुछ दिनों के व्रत से अल्पकाल का परिवर्तन होता है। महान बनने का मुख्य आधार है पवित्रता। इस पवित्रता को प्रतिज्ञा के रूप मे धारण करने का व्रत वृत्ति का परिवर्तन कर देता है। व्रत रखना अर्थात स्थूल रीति से परहेज करना, मन मे पक्का संकल्प लेना।
आगे कहा कि व्यर्थ बोल, कटु वार्तालाप भी अपवित्रता है। इससे बचने के लिये मुख मे दृढ संकल्प का बटन लगा दो ताकि व्यर्थ बोल बाहर ही न निकले।
मंजू दीदी ने स्पष्ट किया कि किसी की याद मे रोना पिटना उनको रिगार्ड देना नही है। उनके आदर्शों पर चलना ही सच्चा रिगार्ड देना है। परमात्मा की श्रीमत पर चलना ही उनको रिगार्ड देना है पर श्रीमत मे मनमत मिलाना डिसरिगार्ड है।
प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास
स्वमान अर्थात् स्व की श्रेष्ठता का स्मरण करना: बीके मंजू
बिलासपुरः प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास चल रही है। बीके मंजू ने कहा कि जैसा हम सोचते है सारी कायनात उसे पूरा करने का प्यास करती है। परमात्मा से हमे अनेक श्रेष्ठ स्वमानों की सौगात मिली है। हम सतयुग मे संपूर्ण पवित्र देवी देवता थे, इसे भूलने के कारण आज साधारण मनुष्य बन गये है। परमात्मा आकर हमारी यथार्थ पहचान दे रहे है। मै सर्वशक्तिमान परमात्मा की संतान हू यह स्वमान ही हमे सदा विजयी बना देती है, बस निश्चय डगमग नही होना चाहिए। इसके विपरीत स्वयं को कमजोर समझने, उलाहना देने से हम असफलता का आह्वान करते है।
आगे कहा कि जैसे परमात्मा हम बच्चों की कमजोरी को न देख सदा श्रेष्ठ भाग्य की स्मृति दिलाकर हमारे दैवीय गुणों को जगाते है वैसे ही हमे भी दूसरों की विशेषताओं को परख सदा शुभभावना शुभकामना का प्रकंपन फैलाते रहना चाहिए। शुभभावना शुभकामना का बीज कभी न कभी अवश्य फलीभूत होता है।
बीके मंजू ने स्पष्ट किया कि स्वमान सिर्फ रटना नही है बल्कि श्रेष्ठ स्थिति का अनुभव भी करना है। इसके लिये शांति का गुण विशेष सहायक होता है। ओम् शांति कहते सुनते ही शांत स्थिति का अनुभव भी करना है।
शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास
श्रेष्ठ स्थिति मे स्थित होकर कोई भी कार्य करना श्रेष्ठ सेवा है: बीके गायत्री
बिलासपुरः शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास चल रही है । बीके गायत्री ने कहा कि अहंकार(देह अभिमान) के वश किये गये कार्य के पुण्य का फल भविष्य के प्रारब्ध के रूप मे जमा नही हो पाता। कार्य भले ही छोटा हो जैसे बरतन, घर सफाई पर मन की स्थिति श्रेष्ठ हो अर्थात् सर्व के लिये परोपकार की भावना हो तो छोटा कार्य भी श्रेष्ठ भाग्य बनाने का साधन बन सकता है। योग साधना के लिये समय नही है, समय मिलेगा तो कर लेंगे, यह अलबेलेपन की निशानी है।
आगे कहा कि राजयोग जिम्मेदारियों से भागना नही बल्कि परमात्मा से शक्ति प्राप्त कर समर्थ होकर जिम्मेदारियों को निभाना है। इससे किये गये कार्य मे सफलता अवश्य मिलेगी। अगर सफलता नही मिलती, इसका अर्थ है प्रयास मे मान, शान की इच्छा अर्थात् अहंकार का भाव जुडा हुआ है।