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Brahma Kumaris Raj Kishore Nagar

*श्रेष्ठ स्थिति मे स्थित होकर कोई भी कार्य करना श्रेष्ठ सेवा है: बीके गायत्री*

*शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास*

*श्रेष्ठ स्थिति मे स्थित होकर कोई भी कार्य करना श्रेष्ठ सेवा है: बीके गायत्री*

बिलासपुरः शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास चल रही है । बीके गायत्री ने कहा कि अहंकार(देह अभिमान) के वश किये गये कार्य के पुण्य का फल भविष्य के प्रारब्ध के रूप मे जमा नही हो पाता। कार्य भले ही छोटा हो जैसे बरतन, घर सफाई पर मन की स्थिति श्रेष्ठ हो अर्थात् सर्व के लिये परोपकार की भावना हो तो छोटा कार्य भी श्रेष्ठ भाग्य बनाने का साधन बन सकता है। योग साधना के लिये समय नही है, समय मिलेगा तो कर लेंगे, यह अलबेलेपन की निशानी है।

 

आगे कहा कि राजयोग जिम्मेदारियों से भागना नही बल्कि परमात्मा से शक्ति प्राप्त कर समर्थ होकर जिम्मेदारियों को निभाना है। इससे किये गये कार्य मे सफलता अवश्य मिलेगी। अगर सफलता नही मिलती, इसका अर्थ है प्रयास मे मान, शान की इच्छा अर्थात् अहंकार का भाव जुडा हुआ है।