मित्र भले ज्यादा नही हो पर सच्चे हितैषी जरूर होने चाहिए: ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी*
*श्रीराम जैसा मित्र अति दुर्लभ है*
*इस जन्म मे साधारण होना भी अतिसौभाग्य है, जो परमात्मा के समीप आ गए*
बिलासपुर: जीवन मे मित्र की आवश्यकता सभी को होती है क्योंकि कई बातें मित्र के अलावा किसी और से साझा नही की जा सकती किन्तु मित्र भी हितैषी होना चाहिए जो गलत मार्ग पर चलने से रोके। परमात्मा से अच्छा मित्र कोई हो नही सकता।
ये बातें आज शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे मंजू दीदी ने खराब मौसम के बाद भी उपस्थित जिज्ञासुओ को संबोधित करते हुए कही। श्रीराम को मित्रों की परख थी जो लोगों की नजर मे साधारण होते भी असाधारण कर्तव्य करते रावण पर विजय पाने मे मददगार बने। पर श्रीराम ने भी निषादराज, सुग्रीव, हनुमान, विभीषण को बराबरी का स्थान देते न सिर्फ गले लगाया बल्कि राज्याभिषेक के बाद राजकीय सम्मान भी दिया।
महाभारत मे श्रीकृष्ण सुदामा की मित्रता का भी गायन है। इन प्रसंगों का आध्यात्मिक रहस्य बताते दीदी ने कहा कि वर्तमान मे परमात्मा गीता पुराणों मे वर्णित कर्तव्य निभा रहे है। हम सभी महावीर उनके मददगार बन भविष्य के लिए भाग्य बनाने का पुरुषार्थ कर रहे है।
हम सभी सीताओ को सही गलत की परख कर श्रेष्ठ कर्म करना है। संशय होने पर निमित्त दीदीयो से सलाह अवश्य लेना है।