*ब्रह्माकुमारी सेवाकेन्द्र राजकिशोरनगर मे रामनवमी बडे हर्षोल्लास से मनाया*
*ब्रह्माकुमारी सेवाकेन्द्र राजकिशोरनगर मे रामनवमी बडे हर्षोल्लास से मनाया*
*स्वयं को वश मे करना सबसे बडी कला: बीके मंजू*
बिलासपुर: शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे रामनवमी बडे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ।रिमझिम बारिश के बीच बडी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने राम कथा का श्रवण और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लिया। गौरी बहन ने जब से मुझे ये तेरा दरबार मिला है…और राम जी की निकली सवारी… पर माही चन्द्राकर के नृत्य ने सभी का मन मोह लिया।
मंजू दीदी ने कहा कि जिस प्रकार चक्रवर्ती राजा के उपर प्रतीक स्वरूप छत्र होता है उसी प्रकार धर्म स्थापक के साथ धर्म चक्र सदैव चक्कर लगाते रहते है। महान ज्योतिष पुष्प ने रेत पर पैरो के निशान किसी चक्रवर्ती सम्राट के जान पीछा करते जब साधारण रूप मे महावीर स्वामी को देखा तो अपने ज्योतिष ज्ञान पर शंकित हुए। पर जब महावीर स्वामी ने चक्रवर्ती का यथार्थ अर्थ समझाया कि धर्म चक्र सदैव मेरे साथ चलता है तो वे भी नतमस्तक हो गये। दीदी ने कहा स्वयं को वश मे करना सबसे बडी कला है। महात्मा बुद्ध ने इंद्रियों पर नियंत्रण कर प्रत्यक्ष उदाहरण प्रस्तुत किया।
पंचवटी का अर्थ दीदी ने बताया कि योगी आत्मा पांचो इन्द्रियों को नियंत्रण मे रख भृकुटि मध्य निवास करती है। मै और मेरे के कारण आज सभी ईर्ष्या के वशीभूत है । दीदी ने कहा मै का अर्थ मै आत्मा और मेरे का अर्थ मेरा बाबा स्मृति मे रहे तो व्यर्थ से..बचे रहेंगे।
गौरी बहन ने अंत मे आज आनंद का दिन आया रे गीत पर सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किया।