brahmakumaris Tikrapara
ज्ञान अमृत से दुःख और राजयोग से दर्द से मुक्ति मिलती है: बीके गायत्री

*ज्ञान अमृत से दुःख और राजयोग से दर्द से मुक्ति मिलती है: बीके गायत्री*
*भक्ति का फल देने परमात्मा धरा पर अवतरित हुए है*
बिलासपुर: शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे बीके गायत्री बहन का परमात्म महावाक्य पर चिंतन चल रहा है। दीदी ने कहा कि परमात्मा के बारे मे कहा जाता है कि वे दुःख दर्द हर लेते है । भक्ति मे अल्पकाल के लिये हमने अनुभव भी किया है और मनुष्य अब भी कर रहे है। किन्तु परमात्मा अल्पकाल के लिये नही बल्कि आधे कल्प के लिये दुःख दर्द से मुक्त कर देते है। परमात्मा आकर हमे श्रेष्ठ कर्म करने का ज्ञान देते है , इसी ज्ञान अमृत से दुःख की अनुभूति से मुक्त होते है। राजयोग के अभ्यास से आंतरिक शक्ति बढ़ती है जिससे शारीरिक कष्ट का अनुभव अल्प हो जाता है।
परमात्मा हमें भक्ति का फल देने इस धरती पर आये है इसलिए यथार्थ परिचय प्राप्त कर ज्ञान योग से सुखों की दुनिया मे जन्म लेने का भाग्य इसी जन्म मे बनाना है। परमात्मा कहते है दुख दर्द सब पिछले कर्मों का भोग है। पिताश्री ब्रह्मा बाबा ने कर्मयोग द्वारा कर्मभोग पर विजय प्राप्त कर पूरे विश्व के सामने आदर्श प्रस्तुत किया है। उनके कदम पर कदम मिलाकर चलना ही ब्रह्माचारी बनना है। मात्र ब्रह्मचर्य संपूर्ण पवित्रता नही है अपितु ब्रह्मा के सभी आचरण को अपने जीवन में आत्मसात करना ही पवित्रता है।