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brahmakumaris Tikrapara

परमात्मा का प्यार पाने के लिए आराधना के साथ साधना भी जरूरी : ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

*परमात्मा का प्यार पाने के लिए आराधना के साथ साधना भी जरूरी : ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी*

 

*मधुबन माउंट आबू पिता का घर याने मायका लगता है*

बिलासपुर: माउंट आबू स्थित ब्रह्माकुमारी मुख्यालय जिसे मधुबन कहते है, मे वार्षिक सम्मेलन संपन्न हुआ। इस सम्मेलन मे आगामी वर्ष के लिये बीस विभिन्न सेवा प्रभागों द्वारा किये जाने वाले गतिविधियों की रूपरेखा निर्धारित हुई। यह जानकारी देते माउंट आबू से लौटी। और वहां के अनुभव से ऐसे लगा जैसे कहा किसी बेटी के लिए मायका लगता है।

दीदी ने कहा कि समाज को सकारात्मक दिशा देने मे मीडिया का विशेष योगदान है। ओमप्रकाश भाई की प्रेरणा से मुझे मीडिया विंग मे सेवा की जिम्मेदारी मिली है। दीदी ने कहा कि आपने परमात्मा को पहचान लिया बहुत बड़ा सौभाग्य है। परमात्म ज्ञान मुरली चिंतन कोई एक सप्ताह, मास या वर्ष चलने वाला सत्संग नही है, यह जीवन पर्यंत चलने वाली पढाई है। रायपुर मे गत बुधवार को ही अव्यक्त हुए बीके बाबूभाई को स्मरण करते हुए दीदी ने कहा कि अंतिम दिन भी मुरली सेवाकेन्द्र मे सुनकर वे घर गये ओर कुछ घंटे बाद शरीर छोड़े। परमात्मा की याद मे शरीर छुटना बहुत बड़ा सौभाग्य है।

परमात्म महावाक्य पर चिंतन करते दीदी ने कहा कि जिस प्रकार कछुआ विपत्ति या आराम के समय अपनी कर्मेन्द्रियो को समेट लेता है इसी प्रकार आत्मा कर्म करने के अलावा शेष समय अपनी कर्मेन्द्रियो को समेट

 

परमात्मा की याद मे रहे तो माया के प्रभाव से मुक्त रहेगी। विश्व नियंता परमात्मा करनकरावनहार है इस सत्य पर अटूट निश्चय से बेफिक्र बादशाह बन सकते है।i