brahmakumaris Tikrapara
हिम्मत के एक कदम से परमात्मा का कई गुना सहयोग मिलता है, यह एक विशेषता अनेक विशेषताओं को बल देती है

*हिम्मत के एक कदम से परमात्मा का कई गुना सहयोग मिलता है, यह एक विशेषता अनेक विशेषताओं को बल देती है*
*हमारे पितर किसी न किसी नामरूप मे यहीं मौजूद है: बीके मंजू*
बिलासपुर: शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे परमात्म महावाक्य पर चिंतन चल रहा है। बीके मंजू दीदी ने कहा कि परमात्म ज्ञान सर्वश्रेष्ठ और सर्व के लिये कल्याणकारी है। जब भी मौका मिले सत्य ज्ञान को निडरता से बांटने की हिम्मत करे तो परमात्मा की कई गुना मदद मिलती है। यही एक विशेषता अनेक विशेषताओं को आकर्षित करती है, दुआएं मिलती है।
पूर्वज आत्माये कहाँ है? इस पर दीदी ने कहा कि परमात्मा ने सभी रहस्यों को स्पष्ट कर दिया है। सभी मनुष्य आत्माओं के रहने का स्थान परमधाम है जिसे निर्वाणधाम, मुक्तिधाम और भी कई नामों से जानते है। आत्माएं सृष्टि पर आकर शरीर धारण कर कर्म करती है और इसके पश्चात् पुनर्जन्म ले आगे की यात्रा करती है। इस बीच परमधाम से भी आत्माए सृष्टि पर आती रहती है।परमात्मा कहते है सृष्टि चक्र मे आने के बाद कोई भी आत्मा बीच मे न तो परमधाम जा सकती है न ही ज्योति ज्योति मे समाती है। सतयुग त्रेतायुग स्वर्ग, द्वापर कलयुग नर्क कहलाता हैं। दीदी ने कहा कि इस प्रकार हमारे सभी पूर्वज आत्माए वर्तमान मे भिन्न शरीर धारण कर यही है अथवा हम अपने ही पूर्वज हो। बाकी श्राद्ध खिलाने के पीछे पूर्वजों के सम्मान प्रकट करने का भाव होता है।