brahmakumaris Tikrapara
अकलमंद और दिव्य बुद्धि धारक वही जिसने परमात्मा को पहचान लिया: बीके ईश्वरी

*अकलमंद और दिव्य बुद्धि धारक वही जिसने परमात्मा को पहचान लिया: बीके ईश्वरी*
*महात्मा बुद्ध ने किसान से कहा मै भी खेती करता हूँ*
बिलासपुर: शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे भोग की विधि एवं विधान पर प्रवचन चल रहा है । बीके ईश्वरी बहन ने कहा कि परमात्मा के ज्ञान को सहज और सामान्य जन के समझने लायक बनाने के लिये उनके ही शब्दावली का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक बार बुद्ध से मिलने एक किसान आया। किसान ने कहा मेरा समय खेती मे निकल जाता है और आपका मार्ग अलग है फिर मुझे क्या लाभ? तब बुद्ध ने कहा मै भी खेती करता हूँ। आत्मा मेरा खेत है उस पर ज्ञान का हल चलाता हू, श्रद्धा के बीज बोता हूं, तपस्या साधना के जल से सिंचाई करता हूं, सत्य अहिंसा से निराई-गुडाई कर श्रेष्ठ भाग्य का फसल तैयार करता हूं।ईश्वरी ने कहा कि परमात्मा ने कोई न कोई विशेषता हर मनुष्य को दी है जिससे सीख ले सकते है सिर्फ अहंकार छोड़ना होगा।
परमात्म महावाक्य पर चिंतन करते बहन ने कहा कि इस संगमयुग मे परमात्मा को जिसने पहचान लिया वह अन्य से अकलमंद है भले ही आज कितना भी प्रतिष्ठित क्यों न हो। दिव्य बुद्धि वालो को ही परमात्मा की शक्ति का अनुभव होता है। साइंस बुद्धि प्रकृति के उपभोग तक ही सीमित है जबकि दिव्य बुद्धि प्रकृति को परमात्म शक्ति का दान कर उसे और भी शक्तिशाली बना सकती है।