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brahmakumaris Tikrapara

सुखद अनुभूतियो को स्मृति में संजोए माउंट आबू मे आयोजित राजयोग शिविर से लौटे अस्सी भाई बहने

*सुखद अनुभूतियो को स्मृति में संजोए माउंट आबू मे आयोजित राजयोग शिविर से लौटे अस्सी भाई बहने*

बिलासपुर: ब्रह्माकुमारी टिकरापारा, राजकिशोर नगर, बलोदा, मस्तूरी, नरियरा, कोटमीसुनार सेवाकेन्द्रो एवं गीतापाठशाला से लगभग अस्सी भाई बहने शांतिवन माउंट आबू मे 25 से 29 अप्रैल तक आयोजित राजयोग शिविर में भाग लेने ब्रह्माकुमारी गायत्री बहन के नेतृत्व मे गये थे। वहां की दिनचर्या सकारात्मक परिवर्तन के लिए आत्मा का ज्ञान, परमात्म सत्ता की पहचान, तनाव मुक्त जीवन, राजयोग ही सर्वोत्तम योग है, राजयोग द्वारा आंतरिक शक्तियों का विकास , कालचक्र का ज्ञान, कर्म गति के ज्ञान द्वारा सकारात्मक परिवर्तन,सकारात्मक परिवर्तन के लिए गीता ज्ञान, ज्ञानदाता शिव परमात्मा के महावाक्य, इन सभी विषयों पर वहां 3 दिनों तक सत्र चला फिर अंत में सभी प्रस्थान किये एक नई शुरुआत के लिए, वहां से सभी को विदाई दी गई सभी ने अनुभव किया कि वहा के शांति के प्रकंपन से अमृतबेले से रात्रि तक की दिनचर्या सहज व्यवस्थित हो गई । वरिष्ठ दीदीयो ने अनुभव के आधार पर ज्ञान धारण करने की सहज युक्ति बतायी । शांतिवन के अलावा आनंद सरोवर, मानसरोवर, मनमोहिनी, तपोवन, सोलर प्लांट आदि का भ्रमण कर आनंदित हुए । दादी प्रकाशमणी पार्क मे थ्री डी शो, म्यूजिकल फाउंटेन को देखकर और भी आनंद विभोर हो गए । पांडव भवन मे चारो धाम(शांति स्तंभ, बाबा की कुटिया, कमरा, हिस्ट्री हाल) के व्हाइब्रेशन सभी ने गहराई से अनुभव किए । हिस्ट्री हाल मे चित्रों पर एक भाई ने यज्ञ का इतिहास बहुत ही रोचक तरीके से समझाया। वहां के ब्रह्मा भोजन का स्वाद अभी तक स्मृति में अनुभव कर रहे है। पीस पार्क, दिलवाडा मंदिर भी सभी को बहुत पसंद आया। बाबा के घर फिर जल्दी आने का वायदा कर सभी ने विदायी ली । बाबा के घर की टोली और सौगात बार बार वहा के सुखद पलों की याद अब भी दिला रहे है। गायत्री बहन ने बताया कि भाई बहनों के विशेष आग्रह पर आबंटित कोटे से तीन गुना अधिक जिज्ञासु की व्यवस्था मुख्यालय से अनुमति प्राप्त कर की गई फिर भी कई भाई बहने नहीं जा पाए, उनको अगली बार जाने का अवसर मिलेगा।