brahmakumaris Tikrapara
ब्रह्माकुमारीज़ के मेडिकल प्रभाग द्वारा ‘‘हमारी नर्सें-हमारा भविष्य’’ विषय पर हुआ कार्यक्रम का आयोजन

प्रेस विज्ञप्ति
सादर प्रकाश नार्थ
*सभी के स्वास्थ्य का ख्याल रखने वाली नर्स बहनों का ख्याल रखना जरूरी – ब्र.कु. पूर्णिमा*
मेडिटेशन व सकारात्मक चिंतन से होगा सशक्तिकरण
*ब्रह्माकुमारीज़ के मेडिकल प्रभाग द्वारा ‘‘हमारी नर्सें-हमारा भविष्य’’ विषय पर हुआ कार्यक्रम का आयोजन*
*दवा के साथ नर्स का स्नेहपूर्ण व्यवहार रोगी को करता है जल्द स्वस्थ – ब्र.कु. श्यामा*
प्रजापिता ब्रह्मा कुमारीज टिकरापारा सेवाकेंद्र में अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया गया। जिसमें नर्स बहनों को सेवाकेंद्र पर आमंत्रित कर उनका सम्मान किया गया। संस्था की ओर से ब्र.कु. हेमवती बहन, पूर्णिमा बहन व श्यामा बहन ने नर्स बहनों को तिलक, पुष्प, ईष्वरीय सौगात व ज्ञानयुक्त स्लोगन के फोटो भेंट कर सम्मानित किया।
‘‘हमारी नर्सें – हमारा भविष्य’’ थीम को लेकर संस्था के मेडिकल प्रभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए ब्रह्माकुमारी श्यामा बहन ने कहा कि नर्स का कार्य अद्वितीय है और जनकल्याण का निःस्वार्थ कार्य है। आज का दिन एक अवसर है उन्हें सम्मानित करने का इससे उनका उत्साह बढ़ता है। शारीरिक, मानसिक, सामाजिक स्तर जैसे सभी पहलुओं के माध्यम से वे मरीज की देखभाल एक मां की तरह करती हैं। रोगियों को दवाई देने के साथ-साथ वे अपने स्नेहपूर्ण व्यवहार से मानसिक रूप से भी सशक्त करती है। जिससे रोगी का स्वास्थ्य बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।
श्यामा बहन ने नर्स बहनों को आग्रह किया और कहा कि कोविड-19 महामारी में नर्सों व चिकित्सकों की भूमिका महत्वपूर्ण रही लेकिन दूसरों की सुरक्षा के साथ आप स्वयं की सुरक्षा का भी ख्याल रखें। आगे उन्होंने कहा की बाह्य स्वास्थ्य के साथ-साथ आंतरिक स्वास्थ्य अर्थात आत्मिक स्वास्थ्य का भी बहुत ध्यान रखें इसके लिए उन्होंने मेडिटेशन करने की विधि बतायी जिससे हम मानसिक रूप से सशक्त बनते हैं मन में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है स्वयं के साथ-साथ हम अन्य मनुष्य आत्माओं का भी मनोबल बढ़ा सकते है।
राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी पूर्णिमा बहन ने कहा कि हम सभी के स्वास्थ्य का ख्याल रखने वाली नर्स बहनों का स्वास्थ्य कैसा है? ये महत्वपूर्ण विषय है। उनके अच्छे स्वास्थ्य पर ही हमारे अच्छे स्वास्थ्य का भविष्य आधारित है। स्वयं के सशक्तिकरण के लिए ध्यान व विचारों की श्रेष्ठता जरूरी है।
आपने सभी को ध्यान का प्रैक्टिकल अभ्यास के माध्यम से परमात्म शक्ति की अनुभूति कराई व शक्तियों और सर्व प्राप्तियों के स्रोत ज्योति स्वरूप परमात्मा शिव का परिचय देते हुए कहा कि परमात्मा एक हैं और हम सबके परमपिता हैं। उनसे अपना संबंध जोड़कर हम स्वयं को ऊर्जावान बना सकते हैं।
इस अवसर पर उपस्थित डॉ. लवकुमार श्रीवास्तव ने कहा कि संस्था से जुड़कर मन को अद्भुत शान्ति मिली है। माउण्ट आबू से लौटने के बाद के अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि हम जिसकी तलाश में गए थे वो मिल गया शान्ति के साथ सुख व शक्ति का भी अनुभव हुआ। उन्होंने अनुरोध किया कि सभी निःशुल्क 7 दिवसीय कोर्स जरूर करें।