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शिव अनुराग भवन मे अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस पर नर्सों के सेवाभाव को सम्मानित किया गया

प्रेस विज्ञप्ति
सादर प्रकाश नार्थ

*शिव अनुराग भवन मे अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस पर नर्सों के सेवाभाव को सम्मानित किया गया

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*मम्मा की शांतचित वृत्ति के सामने विरोधी भी नतमस्तक हो जाते थे :गायत्री*

बिलासपुर: शिव अनुराग भवन राजकिशोर मे आदिरत्न के विशेषताओं पर चिंतन चल रहा है । ब्रह्माकुमार जगदीश भाई का मम्मा के साथ का अनुभव सुनाते हुए गायत्री बहन ने कहा कि, कई विरोधी हंगामा करते मम्मा से मिलेते तो मम्मा की शांतचित वृत्ति के प्रभाव से बिना वार्तालाप के वे स्वतः शांत हो जाते और अनुभव के आधार पर कहने लगते कि सच्ची शांति यही मिल सकती है। जगदीश भाई ने लिखा कि मम्मा का परमात्मा से अटूट योग था। जिससे अशांत निर्बल आत्माए उनके सामने जाते ही शांत हो जाते थे।

*12 मई को अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस माउंट आबू के मेडिकल प्रभाग के द्वारा इस वर्ष की थीम हमारी नर्से हमारा भविष्य* -: के अवसर पर गायत्री बहन ने नर्सों की सेवा और योगदान की सराहना करते हुए कहाँ की कठिन परिस्थिति मे भी मरीजो को धैर्य दिलाते, निःस्वार्थ सेवा की प्रशंसा भले ही न मिले पर दिल की दुआएं जरूर मिलती है। इस अवसर पर उपस्थित बिजोली बहन, सावित्री बहन और पिंकी बहन जो नर्स के रूप मे सेवाये देते संस्था जुड़े है।उन सभी का रूपा बहन,ईश्वरी बहन के द्वारा, तिलक,श्रीफल, सौगात देकर सम्मानित किया। गायत्री बहन ने कहा कि आप जिस्मानी और रूहानी दोनों सेवाए एक साथ कर डबल सेवा का भाग्य बना रही हो ।
बिजोली बहन ने कहा कि परमात्मा से मिले प्यार को उन्होंने बांटने का काम किया जिससे अपार खुशी मिली। पिंकी बहन ने कहा कि नावेल्टी, यूटिलाइज, रिस्पांसीबिलिटी, सेटिस्फेक्शन, इमरजेन्सी, नर्स का पूरा जीवन सेवाभाव का होता है। सेवानिवृति के बाद भी जब भी आवश्यकता होती हे सेवा मे तत्पर रहती है।
सावित्री बहन ने कहा कि नर्स के रूप मे सेवा शुरू करते ही उन्हे बताया कि यह चौबीसों घंटे की सेवा है। बाद मे सही साबित हुआ पर सेवा से मिली खुशी से उमंग उत्साह बना रहता है।