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brahmakumaris Tikrapara

चेहरे पर खुशी की झलक हो तो चियरफूल चेहरा संस्कार का रूप लेता है

प्रेस विज्ञप्ति
सादर प्रकाश नार्थ :-
*चेहरे पर खुशी की झलक हो तो चियरफूल चेहरा संस्कार का रूप लेता है* :-

*अमृतवेले का योग मम्मा का नेचुरल नेचर था :- गायत्री बहन*

बिलासपुर:- शिव अनुराग भवन राजकिशोर नगर मे आदिरत्नो की विशेषताओं पर चिंतन चल रहा है । मम्मा के साथ रहे भाई-बहनों का अनुभव सुनाते हुए गायत्री बहन ने कहा कि मम्मा चाहे कैसी भी परिस्थिति हो, कितनी भी शारीरिक तकलीफ हो ढाई बजे उठ जाती थी, और अमृतवेले का योग कभी मिस नही करती थी।जैसे कि नेचुरल नेचर हो।
परमात्मा के महावाक्य पर चिंतन करते हुए गायत्री बहन ने कहा कि बुद्धि का भोजन ज्ञान है। ज्ञान सुनने के बाद उस पर मंथन करने से हजम होकर संस्कार का रूप लेती है। आगे उन्होने कहा कि, खुशनुमा चेहरा हर किसी को प्रभावित करता है। जिस प्रकार चित्र मे हंसते हुए चेहरे की स्थिति नही बदलती वैसे ही चेहरे पर मुस्कान सदा कायम रहे तो चेहरा ही बोर्ड अर्थात चित्र का कार्य करेगा।