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brahmakumaris Tikrapara

*सांसारिक बंधन कमजोर बनाता है, मुक्त अवस्था मनुष्य को मजबूत बनाती है-: बी.के.मंजू

प्रेस विज्ञाप्ति
सादर प्रकाशनार्थ
*सांसारिक बंधन कमजोर बनाता है, मुक्त अवस्था मनुष्य को मजबूत बनाती है-: बी.के.मंजू*

*शुभभावना – शुभकामना की गिफ्ट द्वारा स्वयं का भाग्य बनाये:-*

बिलासपुर :- आत्मा शास्वत अजर – अमर अविनाशी है। कर्मबंधन के वश आत्मा पुनर्जन्म लेकर सुख-दुःख भोगती है। श्रीमद् भगवद्गीता पर प्रवचन देते बीके मंजू दीदी जी ने कहा कि,एक शरीर का पार्ट पूरा होते ही आत्मा दूसरा शरीर धारण करती है।परमात्मा अर्जुन से कहते है जिनके प्राण चले गये है उनके लिये और जिनके प्राण नही गये उनके लिये भी पंडित अर्थात् ज्ञानी जन शोक नही करते। दीदी ने कहा कि जो शरीर छोड़ चुके उनके लिये मोह वश दुख तो होता है पर नये परिवार मे आगे की यात्रा के लिये उनके प्रति शुभभावना उसी प्रकार होनी चाहिए जिस प्रकार उच्च शिक्षा के लिए बच्चे के प्रति रखते है। लगभग एक वर्ष तक हमारे संकल्प दिवंगत आत्मा को प्रभावित करते है।

*परमात्मा शुभभावना- शुभकामना की गिफ्ट देते है* तो हमे सिर्फ उनकी विशेषताएं याद आती है। विशेषताओं के लेन देन से स्वयं का भाग्य उंचा बनता है। परमात्मा से श्रेष्ठ ज्ञान – योग की पालना लेने के लिये सिर्फ एक जन्म मिला है,इसलिए समय बिना व्यर्थ गंवाये ज्ञान योग अंत तक सीखना है।