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brahmakumaris Tikrapara

पराधीन व्यक्ति स्वप्न में भी सुखी नहीं हो सकता, सातो गुण से संपन्न होना सच्ची स्वाधीनता है: बी के मंजू

प्रेस विज्ञप्ति
सादर प्रकाशनार्थ

*पराधीन व्यक्ति स्वप्न में भी सुखी नहीं हो सकता, सातो गुण से संपन्न होना सच्ची स्वाधीनता है: बी के मंजू *

बिलासपुर: इंद्रियों के गुलाम होने के कारण हर व्यक्ति दुखी है। संबंधों मे कड़वाहट को लेकर जब हमारे पास समाधान के लिये आते है तो समस्या सुनकर लगता है परमात्मा को जीवन समर्पित कर हमे इसी जीवन मे स्वर्ग का सुख मिल रहा है।

श्रीमद् भगवद्गीता पर प्रवचन देते बीके मंजू ने कहा कि राजयोग से प्रेम, आनंद, सुख, शांति, शक्ति, पवित्रता, ज्ञान आदि सातो गुण से जब आत्मा संपन्न हो जाती है तभी सच्ची स्वाधीनता का अनुभव होता है।

आगे दीदी ने कहा कि मन जब कमजोर होता है तो *परिस्थिति बन जाती है समस्या, जब मन संतुलित है तब परिस्थिति बन जाती है चुनौती और जब मन शक्तिशाली है तब परिस्थिति बन जाती है अवसर* ।

*स्वयं की उन्नति के लिए परमात्म ज्ञान श्रवण जरूरी – :बी के गायत्री*
परमात्मा के महावाक्यों पर चिंतन करते गायत्री बहन ने कहा कि परमात्मा द्वारा प्राप्त ज्ञान से अविनाशी कमाई होती है, जिससे हमारा जन्म जन्मान्तर के लिए भाग्य बन जाता है। बाकी जीवकोपार्जन के लिए प्राप्त ज्ञान सिर्फ इसी जन्म के लिए कमाई कराता है। परमात्मा कहते है विनाशी कमाई के कारण अविनाशी कमाई मे घाटा नही होना चाहिए इसलिए स्वयं की उन्नति का ध्यान रखो। गायत्री बहन ने कहा कि परमात्मा का ज्ञान हमे सिर्फ इसी जन्म मे मिलता है बाकी मनुष्यों द्वारा दिया ज्ञान तो अनेक जन्म सुनते आये है।