brahmakumaris Tikrapara
बच्चों के लिए माता – पिता से बड़ा शुभचिंतक कोई नहीं हो सकता…

*क्रोध करने की बीमारी से सभी त्रस्त है, राजयोग है समाधान*
*ज्ञानयुक्त यथार्थ कर्म से सफलता अवश्य मिलती है: बीके मंजू*
*बच्चों के लिए माता – पिता से बड़ा शुभचिंतक कोई नहीं हो सकता…*
बिलासपुर: प्रभु-दर्शन भवन टिकरापारा में सतगुरु वार का भोग परमात्मा को स्वीकार कराया गया।
परमात्मा के महावाक्य पर चिंतन करते मंजू दीदी ने कहा कि क्रोध करने मे मनुष्य बंदरों को भी पीछे छोड़ चुके है। बच्चो के लिए माता पिता से ज्यादा शुभचिंतक कोई हो नही सकता पर आजकल बच्चे माता पिता के विरुद्ध हिंसक व्यवहार कर रहे है। पहले मा ही बच्चों की समस्याओ का समाधान कर लेती थी अब छोटे छोटे बच्चों को काऊंसिलिंग की आवश्यकता पड रही है। परमात्मा हमे क्रोध से मुक्त व्यवहार के लिए स्मृति दिलाते है कि आत्मा का स्वधर्म प्रेम है।
दीदी ने आगे कहा कि ज्ञानयुक्त युक्तियुक्त यथार्थ कर्म करने से परमात्मा की शक्ति और सफलता अवश्य मिलती है।
गुरुवार के अवसर पर दिवंगत करूणा माता को योग द्वारा शांति का दान दिया गया। वे स्वभाव में बहुत सरल थीं, परमात्मा के प्रति अटूट प्रेम था और सेवा में सदा तत्पर थीं। उन्होंने 11 मई को अपने भौतिक देह का त्याग किया।
माउंट आबू मे आयोजित मीडिया महासम्मेलन में बिलासपुर टिकरापारा से सांस्कृतिक प्रस्तुति देने कु. गौरी, तनु , अविका, सोनिया, राधिका, माही बहनों की टीम गई थी जिनकी प्रस्तुति को सभी ने खूब सराहा। कु अविका ने स्वागत नृत्य की झलक प्रस्तुत की।
दीदी ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिये योग प्रशिक्षण एवं योगाभ्यास सत्र टिकरापारा सेवाकेन्द्र मे एक जून से नियमित प्रारंभ किया जायेगा।