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brahmakumaris Tikrapara

*चारित्रिक उत्थान के लिए जरूरी है नैतिक शिक्षा _ ब्रम्हाकुमारी समीक्षा*

*ब्रह्माकुमारीज़ शिव दर्शन भवन बलौदा में हुआ बाल संस्कार शिविर का समापन*

बलौदा :- आज मनुष्य जितना तीव्र गति से हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं उतना ही ज्यादा चारित्रिक पतन होते जा रहा है| अतः चारित्रिक उत्थान के लिए बचपन से ही नैतिक शिक्षा की आवश्यकता है और इसलिए जगह-जगह ऐसे शिविर का आयोजन किया जा रहा है जिससे बच्चों के अंदर नैतिकता व मानवता का विकास हो सके|
बच्चे एक कोमल टहनी के समान है जिसे किसी भी तरफ मोड़ो मुड़ जाता है| वे एक कच्ची मिट्टी के सामान है जिसे अपनी इच्छा अनुसार आकार दे सकते हैं परंतु यही कोमल टहनी बड़े हो जाए तो मोड़ना मुश्किल हो जाता है| उसी प्रकार बच्चों के अंदर भी जो संस्कार अभी डाल सकते हैं वह बड़े होने के बाद नहीं |
बचपन का संस्कार ही जीवन पर्यंत काम आता है|
उपरोक्त बातें प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय बलौदा में चल रहे सप्त दिवसीय बाल संस्कार शिविर के समापन कार्यक्रम में उपस्थित बच्चे व माता-पिता को संबोधित करते हुए ब्रह्मा कुमारी समीक्षा बहन ने कही |
कार्यक्रम में छोटे-छोटे बच्चों ने अपनी बहुत ही मनमोहक प्रस्तुतिया जैसे:- नृत्य, गीत, कविता, गीता श्लोक, स्पीच, से सबका मन मोह लिया एवं नुक्कड़ नाटक के द्वारा नशा मुक्ति का संदेश भी दिया गया |
अंत में सभी बच्चों को ईश्वरी सौगात दिया गया |
कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों के माता पिता व शहर के गणमान्य नागरिक गणों को भी प्रसाद वितरण किया गया|