brahmakumaris Tikrapara
निकट भविष्य में पुनः श्री कृष्ण आने वाले हैंl

बिलासपुर:- टिकरापारा,ब्रह्माकुमारीज,प्रभु दर्शन भवन के हार्मनी हॉल में चलाए जा रहे राजयोग अनुभूति शिविर विषय खुशी हर पल का आज सातवां दिन रहा l टिकरापारा सेवाकेंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी के सानिध्य में राजयोग शिक्षिका ब्रम्हाकुमारी शशिप्रभा ने शिविरार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय हम सृष्टि के मूल बीज से कनेक्ट होने के कारण हम जो सोचते हैं वह पूरा होता है वास्तव में हम कल्प वृक्ष की जड़ में बैठे हुए हैं यह संसार ही कल्पवृक्ष मनुष्य सृष्टि रूपी आत्माओं का झाड़ है जिसका बीज रूप स्वयं परमात्मा है गीता के 15वें अध्याय में उलटे वृक्ष का वर्णन आता है वास्तव में यह कल्पनाओं का वृक्ष कल्पवृक्ष है
सृष्टि के आदि में यह संसार स्वर्ग, बैकुंठ कहलाता था जहां पर संपूर्ण पवित्रता, सुख,शांति, वैभव, संपत्ति थे जानवरों में भी कितना स्नेह थाl 8 जन्म सतयुग में कृष्ण की आत्मा लेती हैं त्रेतायुग में श्री राम और श्री सीता जी का राज्य चलता है 9वें राजकुमार के रूप में श्री राम आते है, सतयुग त्रेता युग जहां हम सभी का एक आदि सनातन देवी-देवता धर्म था एक धर्म, एक राज्य, एक कुल, एक मत, हर बात में एकता थी द्वापर युग से अनेक धर्म पिताओं को परमात्मा ने सृष्टि पर भेजा और अनेक धर्म स्थापित हुए वर्तमान समय सत्यता को न जानने के कारण हिंदू अपने धर्म का परिवर्तन कर रहे हैं,वास्तव में हम सभी का आदि सनातन देवी-देवता धर्म जो कि मूल है इसमें अनंत शक्ति है,जब हम परमात्मा को सच्चे ह्रदय से याद करते हैं और उससे जब हम अपना संबंध स्थापित करते हैं और अपने देवत्व को हम याद रखते हैं तो हमें स्वतः महसूस होता हैं कि हम ही देवता थे, हम ही साधारण मनुष्य बन गए,जब मनुष्य अपने कर्मों से नीचे गिर जाता है तो वही राक्षस बन जाता हैं l
आगे उन्होंने कहा कि वर्तमान समय पुनः सृष्टि के परिवर्तन की बेला है और आने वाले समय में इस संसार में पुनः निकट भविष्य में श्री कृष्ण का आगमन होगा,उससे पहले पुरानी सृष्टि का3 तरह से परिवर्तन होना हैl प्राकृतिक आपदाएं,बाढ़,भूकंप,अकाल महामारी, गृह-युद्ध,तथा बम-मिसाइल के द्वारा l भारत अविनाशी खंड है भारत का संपूर्ण विनाश कभी भी नहीं होता है फिर से इस सृष्टि पर एक नई दुनिया आने वाली है तो एक सकारात्मक परिवर्तन इस धरा पर होना है जिस परिवर्तन के लिए ही स्वयं परमात्मा अभी संगम युग पर आकर फिर से सत्य गीता ज्ञान दे रहे हैं जिससे इस संसार में सत्य की पुनर्स्थापना हो सके भारत फिर से विश्व जगत गुरु का स्थान प्राप्त कर सकें वर्तमान में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के लगभग 140 से भी अधिक देशों में शाखाएं चल रहीं हैं l लाखों भाई बहन परमात्मा के द्वारा प्रदत्त दिव्य संस्कारों को अपने जीवन में धारण कर,जीवन को देव समान बना रहे हैं, अत:फिर नई दुनिया का आगमन इस धरा पर होगा,शास्त्रों में विदित है कि किस प्रकार पांडु और पांडवों की उत्पत्ति नेत्र बल और मंत्र से हुआl ठीक इसीप्रकार वर्तमान समय एक नई सृष्टि की स्थापना गुप्त रीति से पवित्रता के बल से हो रहा है l
खुशी हर पल शिविर की आगामी जानकारी देते हुए ब्रम्हाकुमारी शशिप्रभा ने कहा कि एडवांस कोर्स के रूप में यह शिविर अभी आगे और चलाया जा रहा है ताकि सभी साधक मेडिटेशन की गहराई को समझकर सामान्य जीवन में इसका लाभ उठा सकें l
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