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brahmakumaris Tikrapara

जीवन मे सकारात्मक परिवर्तन ही सबसे बडा चमत्कार है: बीके मंजू*

*जीवन मे सकारात्मक परिवर्तन ही सबसे बडा चमत्कार है: बीके मंजू*

*कर्म का सिद्धांत सभी के लिये अटल सत्य है*

*राजयोग मे सभी प्रकार के योग की अनुभूति समाहित है, कर्म करते योग की अवस्था इसे विशेष बनाती है*

बिलासपुर: शिव अनुराग भवन राजकिशोर नगर मे सहज राजयोग से प्रेम की अनुभूति के साथ खुशी हर पल शिविर के सातवे दिन की शुरूआत हुई।गायत्री बहन ने परमात्मा से प्रेम की किरणों को आत्मा मे समाहित कर पूरे विश्व मे फैलाने का अभ्यास कराया। मंजू दीदी ने कहा कि कर्म की गुह्य गति का ज्ञान हर मनुष्य को होना चाहिए। आज के कर्म के अनुसार कर्मफल अवश्य मिलेगा और आज जीवन मे आई परिस्थिति पूर्व कर्मो का कर्मभोग है। परमात्मा हमेशा सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा देते है। एक दृष्टांत के माध्यम से कर्म भोग को स्पष्ट किया। एक गरीब दम्पति के घर मजबूरीवश एक धनी व्यक्ति ने एक रात के लिये आश्रय लिया। दम्पति ने लोभवश उसकी हत्या कर उसके धन से तमाम वैभव प्राप्त किये। लेकिन संतान जो कि पैदा होते ही गंभीर बीमारी से ग्रस्त था के इलाज मे सारा वैभव नष्ट हो पहले से ज्यादा गरीब हो गये। साक्षात्कार हुआ कि वही धनी व्यक्ति संतान के रूप मे आया और अपने हिस्से का धन ले गया। दीदी ने कहा कि बच्चों को छोटी छोटी बचत जैसे रेल टिकट खरीदते समय सही उम्र छिपाना जैसे झूठ बोलने का संस्कार भरते है उसका भी विकर्म कर्मभोग के रूप मे आता है। आगे कहा कि यहा कोई चमत्कार जैसी कोई बात नही है। परमात्मा की शक्ति से स्वयं मे आने वाला सकारात्मक परिवर्तन ही सबसे बडा चमत्कार है। दीदी ने कहा कि विचार से शारीरिक क्रिया नियंत्रित होती है न कि शारीरिक क्रिया द्वारा विचार। कर्म करते भी परमात्मा से योग बना रहे यही अवस्था कर्मयोग है। राजयोग से जीवन मे स्थाई खुशी आती है