brahmakumaris Tikrapara
आध्यात्मिक जीवन शैली कैरियर निर्माण मे बाधक नही बल्कि आवश्यक: बीके मंजू

प्रेस विज्ञप्ति
सादर प्रकाश नार्थ
*आध्यात्मिक जीवन शैली कैरियर निर्माण मे बाधक नही बल्कि आवश्यक: बीके मंजू*
*परमात्मा सबसे श्रेष्ठ शिक्षक है, परमात्मा की शिक्षाओ पर चलकर जैसा चाहे भाग्य बना सकते है*
*आज ईश्वर को शिक्षक के संबंध से याद की विधि बताई गई*
*खुशी हर पल के एडवांस कोर्स रेणु बाजपेई ने कविता द्वारा व्यक्त किए उद्गार*
*बिलासपुर: शिव अनुराग भवन राजकिशोर नगर मे खुशी हर पल एडवांस कोर्स* के चौथे दिन का प्रारंभ परमात्मा को शिक्षक के संबंध मे याद करने की विधि बताई गई । मंजू दीदी जी ने कहा कि परमात्मा द्वारा प्राप्त ज्ञान से जैसा चाहे भाग्य बना सकते है। धर्मपिताओ ने जो मार्ग बताया उस मार्ग से आज के मनुष्य भटक गये है इसलिए परमात्मा स्वयं अवतरित होकर श्रेष्ठ ज्ञान दे रहे है।
आगे कहा कि आजकल बच्चों का आई क्यू बहुत अच्छा होने के बाद भी बदलते परिवेश मे स्वयं को एडजेस्ट न कर पाने के कारण अवसाद(डिप्रेशन) मे चले जाते है। कैरियर बनाना जीवकोपार्जन करना जीवन का एक अंशमात्र है जबकि आध्यात्म हमे बालपन से मृत्यु तक संपूर्ण जीवन जीने की कला सिखाता है। इसलिए जिन बच्चों ने बाल संस्कार शिविर मे भाग लिया वे माता-पिता को भी परमात्मा के ज्ञान मे लेकर आये। यह एकमात्र ऐसा विश्व विद्यालय है जिसमे तीन तीन पीढ़ी के संबंधी एक साथ बैठकर पढाई करते है।
परमात्मा कहते है अवसाद और ईर्ष्या से मुक्त मनुष्य ही प्रसन्नचित्त रह दूसरों को खुशी बाट सकते है।
बहन रेणु बाजपेयी ने कविता आओ उन्हें जीना सिखला दे से हुआ भटके युवाओ को समर्पित एक पंक्ति पथ से भटके तरुणों में राष्ट्रहित की अलख जगा दे इस प्रकार युवाओं के लिए अपने मन के भाव प्रकट किए वो भी इस आध्यात्मिक वातावरण मेसे अपना जीवन श्रेष्ठ बनाएं। तत्पश्चात परमात्मा को सतगुरुवार का भोग स्वीकार कराया गया और दीदी जी के द्वारा सभी को भोग वितरण किया ।