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brahmakumaris Tikrapara

मन्मनाभव अर्थात् मन को ईश्वर मे लगाओ तो सुख की दुनिया के मालिक बन जाओगे: बीके मंजू

*मन्मनाभव अर्थात् मन को ईश्वर मे लगाओ तो सुख की दुनिया के मालिक बन जाओगे: बीके मंजू*

*प्रेममयी भक्ति ईश्वर प्राप्ति का सुगम मार्ग है*

बिलासपुर: शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे श्रीमदभगवदगीता के अठारहवे अध्याय पर प्रवचन पूर्णता की ओर बढ रहा है । छप्पनवे श्लोक मे परमात्मा कहते है सभी कर्म करते जो सदा मेरा आश्रय धारण करते है उसे मेरा अविनाशी पद प्राप्त होता है। इसकी सहज विधि है मन्मनाभव अर्थात् मन को ईश्वर मे लगाओ । छैसठवे श्लोक मे परमात्मा कहते है देह के सभी धर्मों का परित्याग कर मेरी शरण ग्रहण करो तो मै समस्त पापो के प्रभाव से मुक्त कर मोक्ष प्रदान कर दूंगा। दीदी ने स्पष्ट किया कि सभी को मोक्ष देने परमात्मा अवतरित हो चुके है पर राजयोग के अभ्यास से जो पिछले पापकर्मो से मुक्त हो जाते है उन्हें सतयुग मे श्रेष्ठ पद की प्राप्ति होती है। परमात्मा कहते है हिंसक युद्ध से कोई विश्व पर राज्य नही कर सकता। आगे कहा कि दृढ संकल्प से हर कदम मे परमात्मा की श्रीमत पर चलने वाले ही सम्पन्न बनते है।