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Brahma Kumaris Raj Kishore Nagar

October News

झाँकी मे सुसज्जित चैतन्य देवियों का सम्मान किया गया

राजयोग शिविर मे बताया गया नींद का सही तरीका

निरंतर दृढता शुभ संकल्पों को अवश्य सफलता दिलाती है: बीके मंजू

बिलासपुरः शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर में राजयोग शिविर के प्रथम दिन सही तरीके से नींद लेने का महत्व बताया गया ।
बीके मंजू ने कहा कि रात्रि दस बजे से बारह बजे की गहरी नींद संपूर्ण स्वास्थ्य के लिये बहुत आवश्यक है। यह समय अगर मोबाइल देखने, व्यर्थ चिंतन मे बीतता है तो इसकी भरपाई करना मुश्किल है। रात्रि दस से प्रातः चार बजे के बीच नींद का दो दो घंटे का तीन चक्र पूरा होता है। इस समय नींद लेने से मन बुद्धि सहित शरीर के सभी अंग अगले दिन की दिनचर्या के लिये तैयार हो पाते है।

आगे आपने कहा कि शुभ संकल्पों में अगर निरंतर दृढता हो तो संकल्पों को पूरा करने में परमात्मा की मदद सफलता अवश्य दिलाती है। दृढता में कमी से स्थिति ऊपर नीचे होने से सफलता भी दूर होती जाती है।

नौ दिनों तक चले चैतन्य देवियों की झाँकी मे समर्पित बहनों के अतिरिक्त अट्ठाइस कन्याओं ने साधना की थी।

लायंस क्लब के अध्यक्ष लव श्रीवास्तव की टीम द्वारा सौगात देकर देवियों का सम्मान किया गया।

 

 

 

शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे राजयोग शिविर चल रहा है

व्यर्थ समाचार मे रूचि नकारात्मक संकल्प उत्पन्न करता है: बीके गायत्री

 

बिलासपुरः शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे राजयोग शिविर मे आत्मा का यथार्थ परिचय दिया गया। कहानी के माध्यम से बताया गया कि शरीर, धन-संपत्ति, संबंधी सिर्फ इसी जन्म के साथी है, जबकि पुण्य कर्म ही आगे की यात्रा के साथी बनेंगे।

बीके गायत्री ने कहा कि किसी के प्रति कोई व्यर्थ समाचार सुना रहा है और हम रूचि से सुन रहे है तो उस व्यक्ति के प्रति जिसके बारे मे गलत सुनाया गया , घृणा या नफरत के भाव उत्पन्न हो सकते है।

आगे कहा कि किसी भी बात को ग्रहण करने के पहले तीन कसौटी मे परखना चाहिए। पहला क्या वह बात सत्य है? क्या यह मेरे या दूसरो के लिये शुभ है? क्या मुझमे बातों को बदलने की शक्ति है? अगर नही, तो ऐसी बातो पर तत्काल पूर्णविराम लगाने की आवश्यकता है। आज के परिवेश मे व्यर्थ बातो के कारण ही समर्थ कार्यो के लिये समय ही नही बचता।

 

शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे राजयोग अनुभूति शिविर

परमात्मा जन्म मरण के चक्र मे नही आते इसलिए सर्व के सद्गतिदाता है: बीके गायत्री

बिलासपुरः शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे श्रीमदभगवदगीता ज्ञान पर आधारित राजयोग अनुभूति शिविर चल रहा है। बीके गायत्री ने कहा कि मनुष्य आत्माये जन्म मरण के चक्र मे आते है एवं अपने ही पूर्व जन्मों को नही जानते। परमात्मा ही आकर हमे स्वयं का हमारे जन्मों का परिचय देते है। पाच कसौटियों पर जो खरा उतरे उन्हे ही परमात्मा कहा जा सकता है। परमधाम निवासी, निराकार, ज्योतिर्बिदु एक परमात्मा सर्व धर्म मान्य है।

आगे कहा कि सिर्फ एक परमात्मा ही है जो जन्म मरण के चक्र मे नही आते है। मनुष्य आत्माएं जन्म मरण के चक्र मे आते सतोप्रधान से तमोप्रधान बनते है। अगर परमात्मा भी इस चक्र मे आये तो तमोप्रधान को सतोप्रधान कौन बनाये? सतोप्रधान बनने का आधार है पवित्रता की धारणा। जहाँ पवित्रता है वहां सुख शांति है।

शिविर मे भाग ले रहे जिज्ञासुओ ने बताया कि यहां दिये जा रहे ज्ञान से उलझने समाप्त हो रही है , शांति की अनुभूति हो रही है।

 

शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे श्रीमदभगवदगीता आधारित राजयोग अनुभूति शिविर

परमात्मा चाहते है सभी सुखी रहे पर अपने कर्मो के कारण हम दुखी होते है: बीके मंजू

बिलासपुरः शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे श्रीमदभगवदगीता ज्ञान के आधार पर राजयोग अनुभूति शिविर चल रही है।
बीके मंजू ने कहा कि कर्मों की गति गुह्य है। परमात्मा को सुख के लिये याद करते है तो निश्चित ही परमात्मा हमे सदा सुख देते है। परमात्मा द्वारा स्थापित सतयुग त्रेतायुग मे अपार सुख होता है। द्वापर से विकर्म मे आने के कारण दुःख शुरू होता है तब परमात्मा को पुकारते है। अब कलयुग अंत मे परमात्मा बच्चों का भाग्य बनाने आये है परमात्मा चाहते है उनका हर बच्चा सुखी हो। इसके लिये परमात्मा डायरेक्शन देते रहते है जिन्हे श्रीमत कहते है। यही परमात्मा की सबसे बडी कृपा है।

आगे कहा कि बडे परिवार या बडे संगठन मे बहुत कुछ सुनना सहना पड़ता है। प्रत्येक बात को कल्याण की भावना से देखना चाहिए। सहन करना भी बहुत बडी शक्ति है जिसके लिये बीती को तत्काल पूर्णविराम लगाने का अभ्यास चाहिए।

परमात्मा को सतगुरु वार का भोग स्वीकार कराया गया और सभी भाई बहनों ने भोग ग्रहण किया।

 

 

शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे राजयोग शिविर

यहाँ आकर मन का भटकना बंद हुआ, एक रास्ता मिल गया: क्रिस्टोफर रोड्रिक्स

कलयुग अंत के लक्षण का वर्णन सभी धर्मशास्त्रों मे है, यथार्थ समय की पहचान परमात्मा देते है: बीके गायत्री

बिलासपुरः शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे राजयोग शिविर के बेसिक कोर्स के अंतिम दिन सृष्टि चक्र का परिचय दिया गया। बीके गायत्री ने कहा कि पांच हजार वर्ष के सृष्टि चक्र का यथार्थ ज्ञान परमात्मा ही आकर देते है क्योंकि मनुष्य आत्माएं जन्म मरण के चक्र मे आने के कारण चक्र का यथार्थ परिचय नही दे पाये। हालाँकि कलयुग अंत का लक्षण सभी धर्म शास्त्रों में बताया गया है पर समय का सटीक वर्णन न होने के कारण परमात्मा के आने के बाद भी मनुष्य उनकी तलाश मे भटक रहे है।

सात दिनो का बेसिक कोर्स करने के बाद क्रिस्टोफर रोड्रिक्स ने अनुभव सुनाया कि पहले मन बहुत भटकता था इसलिये बार बार व्यवसाय, स्थान, व्यक्ति बदलने का संकल्प चलता था। यहाँ आकर आत्मा और परमात्मा का यथार्थ परिचय मिला जिससे शांति के लिये भटकना बंद हो एक रास्ता मिल गया। अब मै परमात्मा का नवजात बच्चा बन गया हू और लगता है परमात्मा मुझे एक छोटे बच्चे की तरह सम्हाल रहे है। यहाँ कठिन प्रश्नो का उत्तर भी गीतो मे मिल जाता है।

परमात्मा के महावाक्य पर चिन्तन करते बीके प्रीति ने कहा कि समस्त बंधन का कारण स्वयं को कर्ता समझना है। जब हम अपने को ट्रस्टी समझते है तो सभी जिम्मेदारियों का बोझ परमात्मा ले लेते है और हम हर कार्य खुश होकर करते है। चेहरे की खुशी ही परमात्मा को प्रत्यक्ष करती है।

 

 

करवां चौथ के आध्यात्मिक रहस्य पर विशेष व्याख्यान

निर्मानता ही महानता है, निर्मान के आगे परमात्मा भी झुकते है:बीके मंजू

बिलासपुरः प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास चल रही है।
बीके मंजू ने कहा कि निर्मान का अर्थ है जिसमे किसी से भी मान सम्मान की लालसा न हो। आज हर व्यक्ति मान सम्मान चाहता है पर दुसरो को सम्मान देने मे अभिमान आड़े आ जाता है। निर्मानचित्त व्यक्ति के आगे परमात्मा भी झुकते है तो मनुष्य आत्मा क्या चीज है। बस निर्मानता को अपना निजी संस्कार बनाना होगा।

आगे कहा कि निर्मानता का गुण धारण करने के लिये मन को निर्मल बनाना होगा। व्यर्थ की बाते, परचिंतन मन को दूषित करती है और समय भी नष्ट करती है। निर्मानचित्त और निर्मल वाणी अगर जीवन मे धारण हो जाय तो हर कर्म मे सफलता निश्चित है।

मंजू दीदी ने सभी माताओ को करवां चौथ की शुभकामनायें दी। कहा कि ब्रह्मा ने चन्द्रमा की शीतलता अपने जीवन मे धारण की। परमेश्वर हम सभी मनुष्य आत्माओं के पति भी है। परमात्मा से मिलन ब्रह्मा के माध्यम से होता है इसी के यादगार मे पहले चन्द्रमा फिर पतिपरमेश्वर के दर्शन कर व्रत को पूर्ण किया जाता है।

 

 

शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास चल रही है

कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो तो व्यर्थ से मुक्त रहेंगे: बीके रूपा

बिलासपुरः शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास चल रही है।
बीके रूपा ने कहा कि बाते अकसर बहुत छोटी होती है पर सोच सोच कर, बार बार वर्णन कर उसे बहुत बड़ा बना देते है। परमात्मा कहते है यह समय वाणी से परे जाने का समय है। शांति की दुनिया आने वाली है इसलिये शांति मे रहने का अभ्यास विपरीत परिस्थितियों को सहज पार करा देगी।

आगे कहा कि कम बोलो धीरे बोलो मीठा बोलो का श्लोगन हमेशा याद रहे तो स्वयं भी शांत रहेंगे और औरो को भी हमसे शांति का अनुभव स्वतः हो सकेगा।

 

शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास चल रही है

सहजयोग का आधार है परमात्मा से सर्व संबंध एवं प्राप्ति की स्मृति : बीके रूपा

बिलासपुरः शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे पाजिटिव थिंकिंग की क्लास चल रही है।
बीके रूपा ने कहा कि किसी की याद सहज हो इसके लिये आवश्यक है परिचय, संबंध,स्नेह और प्राप्ति । परमात्मा के यथार्थ रूप को पहचान किसी भी संबंध से अपनेपन से परमात्मा को याद करे तो परमात्मा से प्राप्त ज्ञान, शांति, सुख, आनंद, प्रेम की अनुभूति अवश्य होती है। यह प्राप्ति सदैव स्मृति मे रहे तो खुशी का पारा सदैव चढा रहेगा एवं राजयोग सहजयोग बन जायेगा।

आगे कहा कि वर्तमान मे अगर पद प्रतिष्ठा के रूप मे सम्मान मिलता भी है तो कई प्रतिद्वंद्वी भी तैयार हो जाते है और बेइज्जत करने मे देर भी नही लगती है। परमात्मा हमे ऐसा सम्मान दिलाते है जो पूरे कल्प मनुष्यों के दिलो मे स्नेह बना रहता है।