प्रेस-विज्ञप्ति
हजार पांच सौ के नोट की तरह पुराने संस्कारों को भी भूलें – मंजू दीदी
ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा सेवाकेन्द्र में मना नववर्ष स्नेह मिलन
‘‘इस नये वर्ष को पुराने संस्कारों की समाप्ति का, स्वयं को जगाकर दुनिया को जगाने का श्रेष्ठ वर्ष के रूप में मनायें। जैसे पांच सौ और हजार के पुराने नोट का चित्र लगभग सभी की स्मृति से मिट गया है ऐसे ही हमारे पुराने संस्कार, दूसरों के द्वारा कही हुई ऐसी बातें जिससे तकलीफ स्वयं को हो रही है इन्हें भूल जायें और आत्मा के मूल गुणों शान्ति, प्रेम, आनंद, पवित्रता को अपना कर स्वयं को जागृत करें। इससे स्वतः ही हम विष्व परिवर्तन की ओर बढ़ते जायेंगे और आध्यात्म का देष हमारा भारत पुनः विष्व गुरू बन कर स्वर्ग के रूप में स्थापित हो जायेगा।’’
उक्त बातें ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में नववर्ष स्नेह मिलन के लिए बिलासपुर व आसपास के गांव से आये हुए साधकों को परमात्म महावाक्य सुनाते हुए सेवाकेन्द्र प्रभारी एवं छ.ग. योग आयोग की सदस्य ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने कही। आपने जनवरी माह को योग-साधना का माह बताते हुए सभी को पुरूषार्थ के 36 बिन्दुओं के माध्यम से साधना में लग जाने के लिए प्रेरित किया। जिसमें प्रातः अमृतवेले (ब्रह्म मुहूर्त) में उठने से लेकर रात्रि सोने तक भिन्न-भिन्न मूल्यों की धारणाएं शामिल हैं।
इस अवसर पर सभी को ब्रह्माकुमारीज़ की ओर से नववर्ष का कैलेण्डर ईष्वरीय सौगात के रूप में दी गई। साथ ही सेवाकेन्द्र की सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी गौरी बहन एवं तनु बहन ने विभिन्न गीतों पर सुंदर नृत्य भी प्रस्तुत किया। अंत में सभी को भोग वितरित किया गया।
यह जानकारी सेवाकेन्द्र की सदस्य श्रीमति उषा साहू ने दी।