Rajrishi
हिन्दू नव वर्ष मनाने ब्रह्मा कुमारी बहनें धूमधाम से कर रही तैयारियां

*सज गया श्री राम जी का दरबार*
हिन्दू नव वर्ष मनाने ब्रह्मा कुमारी बहनें धूमधाम से कर रही तैयारियां
*राजकिशोर नगर में नवधा रामायण का आयोजन आज से*
हिंदू नव वर्ष के अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ शिव अनुराग भवन, राज किशोर नगर में श्रीराम जी का दरबार सजाया गया है जिसमें रामायण के अलग अलग पात्र के रूप में आज 22 मार्च शाम 6 से 8 बजे बच्चे विराजित रहेंगे। और इस दरबार में लव कुश के द्वारा राम कथा की प्रस्तुति दी जाएगी।
ब्रह्मा कुमारी मंजू दीदी जी ने बतलाया कि रामायण का व्यावहारिक जीवन में महत्व बताने के लिए सेवाकेन्द्र पर ही नवधा रामायण का आयोजन किया जा रहा है। इसका लाभ लेने के लिए समस्त नगरवासियो को शाम 6 से 8 बजे के लिए ईश्वरीय निमंत्रण है…
*श्रीमद्भगवद्गीता में है बेहतर प्रबंधन के गुर: ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी*
*परमात्म महावाक्य का श्रवण रोज करना चाहिए*
बिलासपुर: शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे श्रीमद्भगवद्गीता के समापन के अवसर पर मंजू दीदी ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि श्रीमद्भगवद्गीता पर चिंतन निरंतर चलती रहे। परमात्मा का ज्ञान किस प्रकार से ब्रह्मावत्सो तक पहुंचता है।इसे प्रभु मिलन का माउंट आबू से सीधे प्रसारण के जरिये सभी ने अनुभव किया। दीदी ने बताया कि 1936 से 1969 तक परमात्मा ब्रह्मा बाबा के तन का आधार लेकर ज्ञान सुनाते थे जिसे साकार मुरली कहते है। 1969 के बाद शिव बाबा और ब्रह्मा बाबा की प्रवेशता गुलज़ार दादी के तन पर होती रही जिसे अव्यक्त मुरली कहते है । सभी सेवाकेन्द्रो मे मुरली प्रतिदिन सुनाई जाती है। दीदी ने कहा कि लगभग 43 वर्षों से नियमित मुरली का अध्ययन कर रही है। दीदी ने कहा कि मीठा बोल महान व्यक्तित्व का परिचायक है।
*जुबान मे हड्डी नही होती पर हड्डियां तुड़वाने की ताकत जरुर हो होती है।*
दीदी ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता में जीवन, व्यवसाय प्रबंधन के अद्भुत गूर है और प्रायः सभी मैनेजमेंट ट्रेनर के प्रेरणास्त्रोत गीता के महावाक्य है। दस मुख्य बिंदुओ पर दीदी ने चर्चा की जिनमे प्रमुख है संगठन का सहयोग, लक्ष्य निर्धारण, आपदा प्रबंधन, प्रेरक नेतृत्व, समय प्रबंधन, संसाधनों का संरक्षण एवं बेहतर इस्तेमाल।
व्यक्तिगत् रूप से श्री कृष्ण ने जहाँ द्वारिकाधीश का फर्ज निभाया वही गोपियों के साथ दिल के स्नेह का संबंध भी बखुबी निभाई। वास्तविक मे हम सभी गोप गोपियों का परमात्मा के साथ रूहानी प्यार का ही गायन है । दीदी ने कहा कि जिस प्रकार श्रीमद्भगवद्गीता जो उन्नीस मार्च से चल रही है इसे बहुतो ने प्रत्यक्ष या मीडिया के माध्यम से सुना वैसे ही 22 मार्च से रामायण के आध्यात्मिक रहस्यों को समझकर अपने जीवन मे दैवीय गुण धारण अवश्य करे। दीदी ने कहा कि श्री कृष्ण के चौसठ कला पर कल चर्चा करेंगे।